छत्तीसगढ़

हिमाचल-गुजरात चुनाव से गायब हैं राहुल गांधी, कांग्रेस की स्ट्रैटजी या पक रही कोई और खिचड़ी?

नईदिल्ली I हिमाचल प्रदेश- गुजरात में चुनाव चरम पर हैं, लेकिन राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा से निकलकर प्रचार करने अब तक इन राज्यों में नहीं गए हैं. वहीं, राहुल की बहन प्रियंका गांधी जरूर हिमाचल प्रदेश में लगातार प्रचार कर रही हैं, पर वो अब तक राहुल के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं हुई हैं. कांग्रेस भले ही इसे अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बता रही हो, लेकिन बीजेपी इसे लेकर तंज कसने से भला कहां चूकने वाली है.

दरअसल, 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल की भारत जोड़ो यात्रा को 50 से ज़्यादा दिन बीत गए, बीच-बीच में ब्रेक भी लिया गया, लेकिन राहुल प्रचार के लिए न अब तक हिमाचल गए और न ही गुजरात. दिवाली ब्रेक के दौरान जरूर राहुल यात्रा स्थल से निकलकर नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ताजपोशी और सोनिया की विदाई कार्यक्रम के लिए दिल्ली आए थे. यात्रा से पहले राहुल ने गुजरात में 3 चुनावी कार्यक्रम किये थे. वहीं, सोनिया तो बतौर अध्यक्ष अपने आखिरी कार्यक्रम के तौर पर भारत जोड़ो यात्रा में कर्नाटक में शामिल हुईं. लेकिन अब तक प्रियंका गांधी यात्रा से दूर ही हैं.

यूपी में भी सिर्फ दो दिन किया था प्रचार

इससे पहले भी जब यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी राहुल ने बाकी 4 राज्यों में तो खूब प्रचार किया था. लेकिन यूपी प्रभारी महासचिव अपनी बहन प्रियंका गांधी पर ही भरोसा जताया था. राहुल ने सिर्फ दो दिन ही यूपी में प्रचार किया, एक दिन अमेठी और एक दिन बनारस में. 7 नवंबर को भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र में प्रवेश कर जाएगी.

अब यात्रा का अगला ब्रेक 10 नवंबर को सम्भावित है. 10 को ही हिमाचल में चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल कांग्रेस की कोशिश है कि, तब राहुल एक रैली हिमाचल में कर दें. लेकिन राहुल के करीबी सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल का प्रचार प्रियंका सम्भाले हुए हैं. ऐसे में राहुल के 10 नवंबर को यात्रा ब्रेक के दिन गुजरात जाकर रैली और रोड शो करने का ज़्यादा आसार हैं.

क्या है पार्टी की स्ट्रैटजी?

सूत्रों की मानें तो भले ही राहुल पार्टी में किसी बड़े पद पर न हों, लेकिन सोनिया के बाद वही पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं. ऐसे में पार्टी स्थानीय और प्रियंका समेत बाकी राष्ट्रीय नेताओं का 2024 के पहले ज़्यादा इस्तेमाल करना चाहती है. वहीं वो मानती है कि, भारत जोड़ो यात्रा के ज़रिए राहुल की छवि बेहतर हो रही है, उसका भरपूर इस्तेमाल 2024 लोकसभा चुनाव में हो, उससे पहले राहुल को राज्य दर राज्य ओवर एक्सपोज़ न किया जाए. इसका मतलब राहुल प्रचार तो करेंगे लेकिन राज्य में लंगर डालकर नहीं रहेंगे, जैसे 2012, 2017 में उन्होंने यूपी और गुजरात में किया था. लेकिन अगर 10 को भी राहुल हिमाचल नहीं जाते, तो विरोधियों के तंज और तीखे होने तय हैं. हालांकि, बतौर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हिमाचल में 9 नवंबर को अपनी पहली रैली को सम्बोधित करने जा रहे हैं.

पार्टी को लगता है कि, राज्य हारने पर ठीकरा सीधे राहुल के सिर नहीं फूटेगा और भारत जोड़ो यात्रा जैसे कार्यक्रमों से राहुल मेहनत भी करते नज़र आएंगे, जो पार्टी के लिए फायदेमंद भी होगा.