छत्तीसगढ़

प्यादे हों या वजीर, सभी आफताब के इशारे पर चल रहे अपनी चाल! सब बने घनचक्कर

नईदिल्ली I दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड का आरोपी आफताब ना केवल शातिर शिकारी है, बल्कि शतरंज की बिसात का मंझा खिलाड़ी है. वह शतरंज का इतना शौकीन है कि अकेले दोनों छोर के लिए रणनीति बनाता है. दोनों छोर के चाहें प्यादे हों या वजीर, सभी उसके इशारे पर अपनी चाल चलते हैं. लेकिन यहां यह शातिर बदमाश अपनी ही चाल से मात खाकर तिहाड़ पहुंच चुका है. लिव इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या के आरोप में उसे कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल में रखा गया है.

पुलिस की गिरफ्त में आए इस खूंखार कातिल आफताब की जिंदगी के हर राज अब धीरे-धीरे बेपर्दा होने लगे हैं. श्रद्धा के कत्ल की साजिश का मामला हो या कपड़े की तरह गर्लफ्रेंड बदलने का शौक, पुलिस के सामने उसकी पूरी जिंदगी किताब की तरह से खुलकर आ चुकी है. लेकिन उसके जेल जाने के साथ ही उसकी जिंदगी का नया राज सामने आया है. यह राज भी ऐसा है कि शतरंज के बड़े से बड़े खिलाड़ी हैरत में हैं. पता चला है कि आरोपी आफताब शतरंज का ना केवल एक मंझा हुआ खिलाड़ी है, बल्कि वह अकेले दोनों छोर से सटीक चाल चलने में भी माहिर है. यह अकेले ही दोनों छोर से खेलता है. इसमें शह भी उसकी होती है और मात भी उसकी.

पुलिस भी इशारे पर नाच रही थी

शातिर शिकारी आफताब पर पुलिस को शक था. पुलिस को अंदेशा था कि आरोपी आफताब सोची समझी साजिश के तहत पुलिस को नचा रहा है. जिस तरह से आरोपी वारदात के इनपुट दे रहा था, पुलिस को ऐसा प्रतीत होने लगा था कि वह पुलिस को मोहरे की तरह से घुमा रहा है. दिल्ली पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने तो यहां तक बताया कि इस मामले की जांच भले ही पुलिस कर रही है, लेकिन खुद कातिल ही जांच अधिकारी बना बैठा है. उसकी रणनीति में पुलिस उलझकर इधर से उधर भाग रही है.

पॉलीग्राफ और नार्को के बाद भी भरोसा नहीं हो रहा

आरोपी पुलिस को इतना घूमा चुका है कि पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट के बाद भी पुलिस को उसकी बात पर भरोसा नहीं हो रहा. अब पुलिस सीधा सीधा सबूत की बात करने लगी है. इसके लिए पुलिस उसका दिमाग पढ़ने की कोशिश रही है. इसके लिए मनोवैज्ञानिकों की भी मदद ली जा रही है. फिलहाल उसकी सेल में दो अन्य कैदियों को रखा गया है. पुलिस इन कैदियों के जरिए उसकी 24 घंटे निगरानी करा रही है.