छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : ED पर आमने सामने मंत्री-पूर्व मंत्री, सिंहदेव बोले- ED भाजपा वालों की जांच क्यों नहीं करती, मूणत बोले- भ्रष्टाचारियों पर एक्शन से पेट दर्द क्यों

रायपुर I ED की कार्रवाई पर कांग्रेस भाजपा एक बार फिर आमने-सामने हैं। दोनों ही पार्टियों के नेता इस मामले में एक दूसरे को गलत ठहराने पर तुले हैं। प्रदेश में मंत्री टीएस सिंहदेव और पिछली सरकार में मंत्री रहे राजेश मूणत के बयान सामने आए हैं। सिंहदेव ने पूछा है कि ED भाजपा के भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। दूसरी तरफ मूणत कांग्रेस से पूछ रहे हैं कि भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई से पेट में क्यों दर्द हो रहा है।

प्रदेश में अक्टूबर के महीने से जारी ED की कार्रवाई पर पूर्व मंत्री मूणत ने अपने बयान में कहा- भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी-व्यापारी पर कार्रवाई हो रही है। यदि तो उसके खिलाफ दस्तावेजी सबूत मिले हैं उस आधार पर कार्रवाई हो रही है तो कांग्रेसियों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है।

मूणत ने आगे कहा- भ्रष्टाचार के खिलाफ तो पूरा देश खड़ा है, हर कोई चाहता है कि भ्रष्ट लोगों का मामला उजागर हो उनपर कार्रवाई हो, क्या कांग्रेस का इनसे आपस में कोई रिश्ता है। या कांग्रेस की शह पर हुआ भ्रष्टाचार ! ED ने जिन्हें पकड़ा वो कोल माइंस वसूली के आरोपी हैं। आरोप लगाने के पहले कांग्रेस पार्टी भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र की जड़ समेट लें नहीं तो और भी बहुत से लोग लाइन में हैं।

सिंहदेव ने पूछा क्या भाजपा में कोई भ्रष्ट नहीं
छत्तीसगढ़ में ED की कार्रवाई के मामले में प्रदेश के मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी बयान दिया, उन्होंने कहा- भाजपा से जुड़े लोगों की जांच क्यों नहीं होती, ये कोई मानेगा क्या कि भाजपा के लोग भ्रष्टाचार से जुड़े नहीं हो सकते। केवल विपक्ष के लोगों की ही जांच क्यों हो रही है।

सिंहदेव ने आगे कहा- देश की सम्वैधानिक एजेंसी जिसे में हम ED कहते हैं, IT कहते हैं ये किस भावना से कार्रवाई कर रही हैं। द्वेष की भावना से या वाकई कहीं गलती की जांच हो रही है।
राजनीतिक फेरबदल करने की कोशिश पहले भी की गई है ये कामयाब भी हुए, ये गलत है। जो भी कानूनी रूप से गलत हो उसपर कार्रवाई करें कौन रोकेगा।

ED ने अब तक किया है 5 को अरेस्ट
प्रदेश सरकार में उप सचिव सौम्या चौरसिया, कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत और सूर्यकांत तिवारी, IAS समीर विश्नोई को ED ने पकड़ा है। सौम्या इस वक्त ED कस्टडी मंे हैं। बाकि के 4 रायपुर की सेंट्रल जेल में। इनके पास से करोड़ों के रुपए और जमीन खरीदने, अवैध निवेश के दस्तावेज मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है। पांचों को 6 दिसंबर को रायपुर की अदालत में फिर से पेश किया जाएगा।