छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : मंत्री असली मां-बाप के बेटे हैं तो इस्तीफा दें, केदार कश्यप का विवादित बयान; लखमा ने कहा था-आरक्षण लागू नहीं करवा पाया तो राजनीति से अलग हो जाऊंगा

जगदलपुर I छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मंत्री कवासी लखमा ने कहा था की 2 तारीख तक यदि पूरा आरक्षण नहीं दिला पाऊं तो अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। अब तारीख निकल चुकी है। यदि कवासी लखमा असली मां और असली बाप के बेटे हैं तो वे फौरन पद से इस्तीफा दें। कश्यप मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।

केदार कश्यप ने कहा कि, आबकारी मंत्री के बयानों के हिसाब से आज तक छत्तीसगढ़ में आरक्षण लागू नहीं हो पाया। इसी कारण लोगों की विभिन्न पदों में भर्ती नहीं हो पा रही है और न ही नियुक्तियां हो पा रही है। पूरे छ्त्तीसगढ़ में आरक्षण की स्थित शून्य हो गई है। केदार कश्यप ने कहा कि, आबकारी मंत्री कवासी लखमा पहले अपनी इन चुनौतियों को पूर्ण कर लें। फिर वे हमें दूसरी चुनौती दें।

ब्रम्हानंद को पकड़वाना राजनीतिक षड्यंत्र

केदार कश्यप ने कहा कि, भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम को पकड़वाना सरकार का एक राजनीतिक षड्यंत्र था। सरकार जानती थी कि दोपहर 2 से 3 बजे के बीच वोट डालने सैकड़ों कार्यकर्ता और आम जनता जुटेंगे। इधर, ब्रह्मानंद को पकड़वा कर उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से माहौल खराब करने की कोशिश की ताकि कार्यकर्ता पोलिंग बूथ से बाहर आ जाएं। वोट न डाल सकें। शासन, प्रशासन का गलत प्रयोग कर मतों में हेरा फेरी करवा दें।

हम नहीं रखते रिकॉर्डिंग

केदार कश्यप ने कहा कि, जब बृजमोहन अग्रवाल ने कांकेर SP को फोन कर इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई तो, SP ने कहा कि हमारे ऊपर भी दबाव है। केदार कश्यप ने कहा कि, किस तरह से कांग्रेस सरकार पुलिस प्रशासन का भी दुरुपयोग कर रही है। जब केदार से पूछा गया कि, आपके पास क्या SP और बृजमोहन अग्रवाल के बीच हुई बातों की रिकॉर्डिंग है, तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा रिकॉर्डिंग करना हमारा काम नहीं है। यह काम सिर्फ कांग्रेस करती है।

ED सबूतों के आधार पर कार्रवाई कर रही

केदार कश्यप ने कहा कि, छ्त्तीसगढ़ में ED की कार्रवाई जारी है। ED को भाजपा कोई रिपोर्ट नहीं सौंप रही। उनके पास जो भी सबूत है, ED उसके हिसाब से काम कर कार्रवाई कर रही है।

मंत्री लखमा ने ये कहा था

12 दिन पहले रायपुर में मीडिया से बातचीत में कवासी लखमा ने कहा था, “मैं, मेरी सरकार, मेरे मुख्यमंत्री आदिवासी भाई लोग से लगातार बैठकर सुझाव ले रहे हैं। उन्हीं के सुझाव पर कर्नाटक, तमिलनाडु गए। उन्हीं के सुझाव और मांग पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। उससे बढ़कर क्या करना है। हम दो तारीख को इसे (आरक्षण विधेयक को) पास कराएंगे।’ लखमा ने कहा था, “हम राज्यपाल के पास, राष्ट्रपति के पास और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे। अगर उस समय तक सफलता नहीं मिली ताे मैं अपने आप को राजनीति से अलग कर लूंगा।’ वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ने इस मसले पर कहा था, आरक्षण के लिए ही हम विधानसभा का विशेष सत्र बुला रहे हैं। कवासी लखमा को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी