छत्तीसगढ़

कोरबा : खेत गिरवी रखा,फिर भी नहीं बची बेटे की जान, ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित छात्र ने की आत्महत्या, इलाज के बाद भी नहीं हो रहा था फायदा

कोरबा I कोरबा के ग्राम नवापारा में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र ने बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। छात्र को ब्रेन ट्यूमर था और उसका इलाज पिछले 2 सालों से बिलासपुर CIMS में चल रहा था। माता-पिता ने उसके इलाज के लिए अपने खेत को भी गिरवी रख दिया था, लेकिन फिर भी उसने खुद ही अपनी जान ले ली। मामला करतला थाना क्षेत्र का है।

कोरबा के जिला अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, नवापारा गांव में किसान मान सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके बड़े बेटे का नाम सुनील पटेल (19 वर्ष) और छोटे बेटे का नाम सुरेश पटेल (17 वर्ष) है। सुरेश को 2 साल पहले ब्रेन ट्यूमर होने का पता चला। इसके बाद परिवार लगातार उसका इलाज करवा रहा था। इलाज के लिए खेत को भी गिरवी रखना पड़ा। अपनी बचत भी खर्च करनी पड़ी, लेकिन फिर भी वो पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ।

इधर बीमारी के कारण सुरेश अवसाद में चला गया। एक साल पहले उसका ऑपरेशन भी कराया गया था। रेडियोथेरेपी भी चली, लेकिन उसकी बीमारी जस की तस थी, जिससे वो बहुत परेशान था। मंगलवार की रात खाना खाने के बाद वो अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। बाकी परिवार वाले भी सोने चले गए, तभी थोड़ी देर के बाद उन्हें सुरेश के उल्टी करने की आवाज आई। तब परिवार वाले उसे देखने आए, तो उसने बताया कि वो कीटनाशक खा लिया है। तुरंत उसे लेकर पिता मान सिंह जिला अस्पताल लेकर गए, वहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

मृतक के बड़े भाई सुनील पटेल ने बताया कि सुरेश पढ़ाई-लिखाई में बहुत होशियार था। उसे स्कूल जाना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन 2 साल से बीमारी के कारण उसकी पढ़ाई भी प्रभावित हुई थी, हालांकि बीच-बीच में वो स्कूल जाता था। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी रविंद्र कुमार जनार्दन ने बताया कि हॉस्पिटल से मिले मेमो के आधार पर मृतक के परिजनों का बयान दर्ज किया गया है। पोस्टमॉर्टम कर शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए संबंधित थाना करतला को केस डायरी भेजी जाएगी।