छत्तीसगढ़

Covid-19: कोरोना मामलों की जानकारी देने से कतरा रहा चीन, भारत समेत कई देश चिंतित, पहले भी कर चुका है ऐसी हरकत

नईदिल्ली I चीन एक बार फिर से कोरोना महामारी की गिरफ्त में है। ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट बीएफ.7 तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। इससे देश में हाहाकार मचा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में कोरोना संक्रमण के प्रतिदिन लाखों मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन चीन ने अब तक कोविड महामारी को लेकर जानकारी साझा नहीं की है।

भारत समेत दुनिया के कई देश चिंतित
चीन के इस रवैये के कारण भारत समेत दुनिया के कई देश चिंतित हैं, क्योंकि नवंबर 2019 में वुहान में पहली बार कोरोना वायरस का पता चलने के बाद भी चीन ने इसकी जानकारी साझा नहीं की थी। तीन साल बाद अब बीएफ.7 वैरिएंट चीन में तबाही मचा रहा है। इसको लेकर दुनियाभर के देश सतर्क हो गए हैं। भारत, जापान, अमेरिका, इटली, ताइवान समेत कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड जांच जरूरी कर दी है। कहा जा रहा कि चीन महामारी की स्थिति का खुलासा नहीं कर रहा है। ऐसे में अन्य देशों के लिए वायरस की गंभीरता की सटीक जानकारी का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस बात पर जोर दिया है कि चीन में फैले कोविड संक्रमण की गंभीरता पर और जानकारी सामने आने की जरूरत है। यूरोपीय संघ भी चीन में कोरोना स्थिति को लेकर असमंजस में है और स्थिति का आकलन कर रहा है। वहीं, जर्मनी ने कहा है कि ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि चीन में लोगों को संक्रमित कर रहा बीएफ.7 वैरिएंट ने कितना खतरनाक रूप धारण किया है। लेकिन वह स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। 

वैज्ञानिकों ने अन्य देशों को किया अलर्ट
वहीं, कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के जोखिमों को देखते हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन जैसे हालात अन्य देशों में भी बिगड़ सकते हैं। जिन देशों ने चीनी टीकों का आयात किया था उन्हें इसकी प्रभावशीलता और लोगों की प्रतिरक्षा को लेकर फिर से जांच की आवश्यकता है। ज्यादातर संक्रमितों में वैक्सीन से बनीं एंटीबॉडीज की प्रभाविकता कम देखी जा रही है, जिससे उनमें गंभीर रोग का खतरा बढ़ गया है। चीन जैसे हालात अन्य देशों में भी हो सकता है, इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।