छत्तीसगढ़

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के हत्‍यारे का बयान: सनकी ASI बोला- कुछ बड़ा करने का सोच रखा था, ताकि मेरा नाम हो

झारसुगुड़ा। ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नव दास को रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान गोली मारने वाले आरोपित ASI गोपाल दास ने पुलिस पूछताछ में आखिरकार अपना गुनाह कबूल कर लिया है जो काफी चौंकाने वाला है।

आरोपित सहायक उप-निरीक्षक (एएसआइ) रैंक के अधिकारी गोपाल दास ने अधिकारियों को बताया कि मैंने नव दास की छाती में गोली मारी थी। उसके बाद उन्हें टारगेट करते हुए दो और गोलियां चलाई थी। मैंने कुछ बड़ा करने की बात सोच रखी थी, ताकि हर जगह मेरा नाम हो।

सनकी ASI का बयान सुनकर हर कोई हैरान

गोपाल दास से पूछताछ के दौरान कुछ इसी तरह की बात सामने आई है, जिसे सुनकर अधिकारी हैरान हैं। वहीं गोपाल दास के इस बयान में सच्चाई भी लग रही है, क्योंकि उसके पास लोडेड पिस्तौल थी और पॉकेट में भी गोली रखी हुई थी। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने गोपाल को पकड़ लिया अन्यथा वह लोगों के ऊपर भी गोलियों की बौछार कर सकता था।

ब्रजराजनगर में ASI ने मारी थी गोली

बता दें कि 29 जनवरी को दोपहर स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास जिले के ब्रजराजनगर के गांधी चौक में सरकारी दौरे पर थे। वहीं ट्रैफिक क्लियरेंस के दायित्व में गांधी चौक पुलिस चौकी का आरोपित एएसआई गोपाल कृष्ण दास ड्यूटी पर था। जब मंत्री की गाड़ी बीजद कार्यकर्ताओं के बीच पहुंची तभी आरोपी भी मंत्री के नजदीक पहुंच गया। इस दौरान जैसे ही मंत्री नव दास गाड़ी से उतरे, वैसे ही ASI ने उनके ऊपर गोली चला दी।

इसके बाद दो और गोलियां उसने चलाई लेकिन इस बीच उसे काबू में कर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद सोमवार रात को कोर्ट में चालान किया गया और सात दिन की रिमांड में लेने की मांग भी कोर्ट से की गयी है।

आरोपित मचाना चाह रहा था तांडव

मंत्री की हत्या करने के बाद आरोपित की यहां तांडव करने की इच्छा थी। गोपाल जानता था कि उसे एक गोली चलाने में कोई असुविधा नहीं होगी, इसलिए उसने मंत्री के पास जाकर बायीं छाती को निशाना बना कर गोली चला दी थी। उससे जब्त पिस्तौल में तीन गोलियां बची थीं।

मानसिक रूप से बीमार है आरोपी गोपाल

गोपाल ने मंत्री की हत्या की बात तो मानी लेकिन हत्या क्यों की? इसका कोई सटीक जवाब नहीं दे रहा। उसकी पत्नी के मुताबिक वह मानसिक रूप से बीमार है और उसका इलाज चल रहा है। वह कब क्या करता है उसे भी पता नहीं होता है।

आरोपी गोपाल की बातों में नहीं है सामंजस्य

गोपाल से पूछताछ में जो बातें सामने आ रही हैं, उसमें कोई सामंजस्य नहीं है। वह अनर्गल यहां-वहां की बात कह रहा है। वह यह तो कहता है कि कोई बड़ी घटना करने की इच्छा थी ताकि लोग उसे पहचानें। इस तरह की घटना करने की वह हमेशा मन में सोचता रहता था।

यातायात क्लियरेंस की ड्यूटी में रहने के बावजूद वह इतनी गोली लेकर घटना स्थल क्यों गया था। इसका उत्तर भी वह संतोषजनक नहीं दे पा रहा है। हत्या के पीछे क्या कारण है वह भी नहीं बता पाया है।

व्यक्तिगत प्रतिशोध या फिर किसी के द्वारा प्रेरित होकर उसने घटना को अंजाम दिया है, इस बारे में भी वह कुछ नहीं बोल रहा है। हालांकि यह बात स्पष्ट है कि मंत्री की हत्या करने के उद्देश्य के साथ गोपाल तैयारी कर के आया था।