छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर ठगी करने वाले 27 गिरफ्तार, फर्जी कॉल सेंटर से देते थे घटना को अंजाम

कबीरधाम। जिले के थाना कुंडा पुलिस ने मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वाले 27 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरोपी फर्जी कॉल सेंटर से घटना को अंजाम देते थे। अभी तक लगभग 22 लाख रुपये की ठगी की बात सामने आई है। आरोपियों द्वारा देश के अन्य राज्यों में भी ठगी की गई थी।

थाना कुंडा में आईटी एक्ट के तहत प्रार्थी देवदत्त चन्द्राकर ने मामला दर्ज कराया था। जिसमें रिलायंस जिओ एवं एयरटेल मोबाइल टॉवर लगाने के नाम से अज्ञात मोबाइल नंबरों द्वारा प्रार्थी को झांसे में लेकर अलग-अलग बैंक खातों में करीबन 22 लाख रूपये की ठगी करने की बात कही गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक कबीरधाम डॉ. लाल उमेद सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर रावटे द्वारा थाना प्रभारी कुंडा को अज्ञात मोबाईल धारकों का पता सीज के लिए निर्देश दिए।विवेचना में पाया गया कि आरोपियों के विरूद्ध जिला रायगढ़ के थाना पुसौर में भी आईटी एक्ट में मामला दर्ज है।

जिस पर रायगढ़ पुलिस से समन्वय स्थापित कर थाना कुंडा से टीम गठित कर जिला रायगढ़ में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की गई। जिसमें गिरोह के मुख्य सरगना वरूण सिंह और सलोनी प्रिया ने बताया गया कि उनके द्वारा कोलकाता में एक फर्जी कॉल सेंटर खोला गया था जिसमें कुल 27 लोग कार्य करते थे। इन सभी को लोगों से कैसे बात कर अपने झांसे में लेना है, इसकी ट्रेनिंग भी दी गई थी। इसके साथ ही सभी को 10-10 मोबाइल सिम एवं कीपैड वाले मोबाइल भी दिये गये थे। सभी सिम फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राप्त किये गये थे।

गिरोह के सभी सदस्य मोबाइल नंबरों से देश के विभिन्न राज्यों के लोगों को कॉल कर मोबाइल कंपनी का टॉवर लगाने का ऑफर देते थे।  जिसमें खाली प्लाट पर डेढ़ लाख रुपये, 10 से 12 हजार रूपये प्रतिमाह किराया, परिवार के एक सदस्य को नौकरी का प्रलोभन दिया जाता था। ग्राहक द्वारा रूचि लेन पर व्हाटसअप के द्वारा उससे जमीन के दस्तावेज अनुबंध पत्र आदि मांग कर उसे कंपनी से संबंधित कुछ फर्जी दस्तावेज भेजे जाते थे। इसके बाद अन्य लोगो के नाम से खोले गये फर्जी बैंक खातों में प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे की मांग की जाती थी।

पुलिस ने कुल 27 आरोपियों (जो बिहार एवं कोलकता राज्य के निवासी) को माननीय न्यायालय से प्रोडेक्शन वारंट प्राप्त कर न्यायालय में पेश कर गिरफ्तार किया। आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये नौ बैंक खातों को सीज किया गया है। इसके साथ ही चार बैंक पास बुक, एटीएम कार्ड एवं कॉल सेंटर में कार्य करने वाले आरोपियों की उपस्थिति पंजी व देश के विभिन्न राज्यों के लोगों से ठगी की रकम के संबंध में रजिस्टर जब्त किया गया।