छत्तीसगढ़

हरभजन सिंह ने सेलेक्‍टर्स के चयन के लिए उड़ाया BCCI का मजाक, वीरेंद्र सहवाग के नाम से सिखाया सबक

नई दिल्‍ली। बीसीसीआई की तरफ से अब तक चेतन शर्मा के इस्‍तीफे के बारे में आधिकारिक बयान नहीं आया है। हाल ही में एक स्टिंग ऑपरेशन में फंसे चेतन शर्मा ने प्रमुख चयनकर्ता के पद से इस्‍तीफा दिया था। शर्मा ने जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या पर बयान दिए जबकि सौरव गांगुली और विराट कोहली के बीच दरार का खुलासा किया था।

चेतन शर्मा के बयान से टीम प्रबंधन गुस्‍से से भर गया था। बीसीसीआई ने हालांकि इस मामले पर चुप्‍पी साधे रखी। उन्‍होंने आधिकारिक रूप से शर्मा के इस्‍तीफे की घोषणा नहीं की और न ही उनके विकल्‍प या अंतरिम प्रमुख चयनकर्ता के नाम की घोषणा की। अभी चयनकर्ता पैनल बिना चेयरमैन के काम कर रहा है। मौजूदा पैनल में शामिल शिवसुंदर दास के पास सबसे ज्‍यादा टेस्‍ट खेलने का अनुभव है और माना जा रहा है कि वो अंतरिम प्रमुख चयनकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं।

बीसीसीआई की पिछले कुछ सालों में सबसे ज्‍यादा आलोचना इस बात पर रही है कि वो चयनकर्ता पैनल में दिग्‍गज खिलाड़‍ियों को नहीं जोड़ पाया। भारत के पिछले तीन चयनकर्ता चेयरमैन- चेतन शर्मा (23), सुनील जोशी (15) और एमएसके प्रसाद (4) ने कुल मिलाकर 44 टेस्‍ट खेले हैं। भारतीय इतिहास और खिलाड़‍ियों के स्‍तर को देखते हुए यह कम लगता है।

भज्‍जी ने उड़ाई खिल्‍ली

भारतीय टीम के पूर्व दिग्‍गज ऑफ स्पिनर ने कहा कि आकर्षक वेतन नहीं होना सबसे बड़े कारण में से एक है कि पूर्व क्रिकेटर्स चयन पैनल से दूरी बनाए हुए हैं और प्रसारणकर्ता के रूप में काम करना पसंद कर रहे हैं। हरभजन सिंह ने पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग का उदाहरण देते हुए अपनी बात को मजबूती से समझाया।

भज्‍जी ने कहा, ‘अगर आप वीरेंद्र सहवाग से प्रमुख चयनकर्ता बनने को बोले, तो उस पद के वेतन का विश्‍लेषण करने की जरुरत है। मुझे नहीं पता कि भारत में चयनकर्ता कितना कमाते हैं, लेकिन अगर सहवाग कमेंट्री या क्रिकेट से जुड़ी अन्‍य चीजों में व्‍यस्‍त है, तो संभव है कि वो ज्‍यादा कमा रहे होंगे।’

हरभजन सिंह ने आगे कहा, ‘अगर आप सहवाग जैसे कद का खिलाड़ी प्रमुख चयनकर्ता पद के लिए चाह रहे हैं तो फिर पैसा खर्चा करना महत्‍वपूर्ण हैं। अगर आप पैसे नहीं खर्च करेंगे तो आपको ऐसे खिलाड़ी चुनने होंगे, जिन्‍होंने एक साल खेला हो या फिर उसका नाम बड़ा नहीं हो। अगर राहुल द्रविड़ को आप कोच बना सकते हैं तो फिर उन्‍हीं के कद का प्रमुख चयनकर्ता भी बनाना चाहिए। जिसकी आवाज में दम हो, जिसके वजूद में दम हो।’

हरभजन की चयनकर्ता बनने में दिलचस्‍पी

यह पूछने पर कि अगर सुधार होता है तो आप चयनकर्ता बनने में दिलचस्‍पी रखते हैं तो भज्‍जी ने जवाब दिया, ‘क्‍यों नहीं। कोच का काम टीम के साथ रहना और योजना बनाना है। मगर टीम चयन बराबरी से महत्‍वपूर्ण काम है। आपको सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़‍ियों का चयन करना होगा। अगर आप उन खिलाड़‍ियों का चयन नहीं करें, जिसकी कोच और कप्‍तान को जरुरत है तो चयनकर्ता के पद का कोई मूल्‍य नहीं है।’