छत्तीसगढ़

बिलासपुर: फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला, ऋचा जोगी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने ऋचा जोगी की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। दरअसल फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में उनके खिलाफ मुंगेली के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने लोअर कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। वहां से अपील खारिज होने के बाद ऋचा जोगी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे ने ऋचा जोगी की ओर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश करने की शिकायत मुंगेली के सिटी कोतवाली थाने में की थी। इसमें कहा गया था कि राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने उनकी आदिवासी जाति प्रमाणपत्र को फर्जी बताया है और इस मामले में एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। इसी आधार पर पुलिस ने 16 नवंबर 2022 को सामाजिक परिस्थिति कारण प्रभावीकरण अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत ऋचा जोगी के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया था।

ऋचा जोगी ने अपने खिलाफ दर्ज इसी मामले को चुनौती देते हुए मुंगेली के जिला एवं सत्र न्यायालय में 23 नवंबर 2022 को अग्रिम जमानत आवेदन लगाया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय) पीएस मरकाम ने ऋचा जोगी की अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था।

एफआईआर को राजनीति से प्रेरित बताया

निचली अदालत से अग्रिम जमानत आवेदन खारिज होने के बाद ऋचा जोगी ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी। इसमें उन्होंने शासन की ओर से दर्ज एफआईआर को राजनीति से प्रेरित बताया। साथ ही कहा है कि नियमों के खिलाफ उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उनका यह भी आरोप है कि उनके आदिवासी होने के मूल दस्तावेजों को दरकिनार कर दिया गया है। याचिका में गिरफ्तारी से राहत देने अग्रिम जमानत देने का आग्रह किया गया था। इस केस की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने राज्य शासन को प्रकरण की केस डायरी प्रस्तुत करने के लिए कहा था। शुक्रवार को इस केस की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने ऋचा जोगी की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है।