मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बंपर बहुमत मिलता दिख रहा है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनने की राह पर है और चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पार्टी 126 सीटों पर आगे चल रही है। इससे साफ है कि महाराष्ट्र की जनता ने एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व पर विश्वास किया है। महायुति गठबंधन के लिए जहां रुझान खुश करने वाले हैं, लेकिन साथ ही महायुति गठबंधन में सीएम पद को लेकर भी पेच फंस गया है। दरअसल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने भी शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है। इससे साफ है कि सीएम पद को लेकर महायुति में खूब माथापच्ची होगी।
‘सबसे बड़ी पार्टी भाजपा तो सीएम भी हमारा होगा’
भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने एक बयान में कह भी दिया है कि ‘सबसे बड़ी हमारी पार्टी है तो सीएम भी भाजपा का ही होगा’। भाजपा नेता ने कहा कि ‘भाजपा का सीएम बनेगा तो वो देवेंद्र फडणवीस ही होंगे। केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार होगी तो महाराष्ट्र और विकास करेगा इसलिए जनता ने हमें बहुमत दिया है इसके लिए मैं प्रदेश की लाड़ली बहनों और जनता को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं। बीजेपी से ही मुख्यमंत्री होगा, मुझे लगता है कि देवेन्द्र फडणवीस ही सीएम होंगे।’ गौरतलब है कि देवेंद्र फडणवीस ने साल 2014 से 2019 के दौरान भाजपा-शिवसेना (संयुक्त) की गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था। 2019 के चुनाव में भी भाजपा शानदार प्रदर्शन करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उस समय भी फडणवीस ही सीएम पद के दावेदार थे, लेकिन शिवसेना (संयुक्त) के साथ मतभेदों के चलते भाजपा सरकार नहीं बना सकी और राज्य में महा विकास अघाड़ी की सरकार सत्ता पर काबिज हुई। जब एकनाथ शिंदे की बगावत के चलते महा विकास अघाड़ी की सरकार गिरी और भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार बनी तो उसमें भी फडणवीस के ही सीएम बनने की उम्मीद थी, लेकिन बड़ी पार्टी होते हुए भी भाजपा ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया।
दोबारा एकनाथ या अबकी बार देवेंद्र?
हालिया विधानसभा चुनाव के एलान के बाद से ही इस बात की खूब चर्चा हो रही थी कि अगर महायुति की सरकार बनी तो सीएम पद कौन संभालेगा, क्योंकि देवेंद्र फडणवीस के साथ ही अब एकनाथ शिंदे भी सीएम पद के मजबूत दावेदार हैं। खासकर उनके नेतृत्व में महायुति की सरकार जिस तरह से सत्ता में वापसी करती दिख रही है, उससे भी एकनाथ शिंदे का दावा काफी मजबूत हो गया है। वहीं एनसीपी के अजित पवार भी सीएम पद की रेस में हैं और गाहे-बगाहे वो सीएम बनने की इच्छा सार्वजनिक तौर पर भी जता चुके हैं। अब अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने भी अजित पवार को सीएम बनाने की मांग की है। हालांकि सीटों की संख्या को देखते हुए मुख्य मुकाबला एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच ही माना जा रहा है।
भाजपा के लिए महाराष्ट्र जीत के मायने
भाजपा के लिए महाराष्ट्र जीत बेहद अहम है क्योंकि आम चुनाव में जिस तरह से भाजपा नीत एनडीए को देश के सबसे धनी राज्यों में से एक महाराष्ट्र में बड़ा झटका लगा था, उसके बाद विधानसभा चुनाव का यह प्रदर्शन भाजपा के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। आम चुनाव के दौरान भाजपा का हिंदुत्व का एजेंडा महाराष्ट्र में कमजोर दिखाई दिया था और लड़ाई पार्टियों की टूट पर आधारित रही, जिसका फायदा शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी को मिला। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा सिर्फ 9 पर जीत दर्ज कर सकी। वहीं महा विकास अघाड़ी ने 30 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
अब विधानसभा चुनाव में भी महा विकास अघाड़ी गठबंधन द्वारा प्रचंड जीत का दावा किया जा रहा था और राज्य में भाजपा का राजनीतिक भविष्य सवालों के घेरे में था, लेकिन भाजपा ने जिस तरह से वापसी की है, उससे राज्य की राजनीति पर उसकी पकड़ फिर से मजबूत हो गई है। साथ ही यह नतीजे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के लिहाज से भी अहम हैं और इनसे पता चलता है कि भले ही विपक्ष पीएम आम चुनाव के बाद पीएम मोदी का जादू खत्म होने का दावा कर रहा है, लेकिन नतीजों से साफ है कि अभी भी प्रधानमंत्री मोदी का जलवा बरकरार है।