मुम्बई : महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के कुछ पुराने मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व ने तीन मंत्रियों के प्रदर्शन को लेकर असंतोष जताया है। उन पर यह भी आरोप लगे हैं कि वे पार्टी के अपने ही विधायकों नहीं मिलते थे और उनके साथ काम करने में असहज थे। इन कारणों से शिवसेना अब इन मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में शामिल न करने की सोच रही है और उनके स्थान पर नए चेहरों को शामिल किए जा सकता है।
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी एक विधायक ने बताया कि ये तीन मंत्री कोंकण, पश्चिम महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्र से हैं। ये पार्टी के अपने ही विधायकों से भी नहीं मिलते थे। इस मुद्दे को उप मुख्यमंत्री शिंदे के सामने रखा गया है और मांग की गई कि इन्हें नए मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाए। राज्य विधानसभा में पार्टी के 57 विधायक हैं। ऐसे में पार्टी अपने अंदरूनी ढांचे में बदलाव कर सकती है।
इस बीच, एकनाथ शिंदे के कार्यालय ने यह जानकारी दी है कि वह मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए दिल्ली नहीं गए। उनके कार्यालय ने स्पष्ट किया कि शिंदे का दिल्ली जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज दिल्ली गए, जहां वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे। सरकार संभालने के बाद फडणवीस का यह पहला दिल्ली दौरा है।
शिवसेना विधायक और पार्टी के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा, मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया है कि मंत्रिमंडल का विस्तार 16 दिसंबर से शुरू हो रहे राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले होगा। वहीं, पुराने मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में शामिल न करने के मुद्दे पर शिरसाट ने कहा, यह शिकायतें शिंदे साहब तक पहुंची होंगी। वह पार्टी के प्रमुख नेता हैं और इस मुद्दे पर वह ही फैसला लेंगे।