नईदिल्ली : पत्नी की प्रताड़ना और अदालत से दो साल में तारीख पर तारीख के बावजूद न्याय नहीं मिलने से निराश अतुल सुभाष के खुदकुशी के बाद परिवार ने बेटे को न्याय और उसे परेशान करने वाली पत्नी व उसके परिवार को सख्त सजा की मांग की है। अतुल के भाई बिकास की शिकायत पर मृतक की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग व चचिया ससुर सुशील सिंघानिया के खिलाफ कर्नाटक पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने समेत बीएनएस की कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है। बंगलूरू से पुलिस की एक टीम जौनपुर निकिता के घर भी पहुंचीं।
अतुल के भाई बिकास ने कहा, मैं चाहता हूं मेरे भाई को न्याय मिले। इस देश में एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया हो जिसके जरिये पुरुषों को भी न्याय मिल सके। मैं उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता हूं जो कानूनी कुर्सी पर बैठे हैं और भ्रष्टाचार कर रहे हैं। क्योंकि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोग न्याय की उम्मीद कैसे कर पाएंगे। व्यवस्था में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बिकास ने कहा, न्याय की उम्मीद तभी की जा सकती है जब यह भ्रष्टाचार मुक्त हो, जब हर पक्ष की बात समान रूप से सुनी जाए और तथ्यों के आधार पर दलीलें दी जाएं।
इस बीच, मामले की जांच कर रही पुलिस टीम उत्तर प्रदेश पहुंच गई है। जांच के तहत टीम मृतक की पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों से पूछताछ करेगी। बंगलूरू के व्हाइटफील्ड के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) शिवकुमार ने कहा, हम सभी आरोपों की जांच कर रहे हैं और मामले की सभी कोणों से जांच की जा रही है।
बेटे की अस्थियां देख मां हुई बेहोश
बिहार के समस्तीपुर निवासी अतुल की अस्थियां जब बुधवार शाम पटना एयरपोर्ट पहुंचीं, तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। मां की चीखें सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया। रोते-रोते अतुल की मां बेहोश हो गईं। होश आने पर मां ने बहु निकिता को बददुआएं दीं और बेटे की मौत के लिए उसे कड़ी सजा की मांग की।
मामा बोले- छह महीने से अतुल के मन में था खुदकुशी का ख्याल, किसी को खबर नहीं होने दी
सुभाष के चाचा पवन जलाल ने आरोप लगाया कि उनके भतीजे को पैसे के लिए परेशान किया जा रहा था। वह केस हार रहा था (जो उसकी पत्नी ने दायर किया था)। उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। उसकी पत्नी बेटे के नाम पर उससे पैसे मांगती थी। अपनी क्षमता के अनुसार, वह बच्चे के भरण-पोषण के लिए उसे पैसे दे रहा था। शुरू में परिवार ने 40,000 रुपये प्रति माह की मांग की, बाद में इसे दोगुना कर दिया और फिर मृतक से 1 लाख रुपये देने को कहा। कुमार ने कहा, पिछले छह महीनों से सुभाष के मन में आत्महत्या के विचार घूम रहे थे और आखिरी क्षण तक उसने हमें कुछ भी नहीं बताया।
निकिता के चाचा का दावा: अतुल के आरोप झूठे, उनको गलत फंसाया जा रहा
निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि न तो वह और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य घटनास्थल पर मौजूद था। उन्होंने कहा, मुझे पता चला कि मेरा भी नाम एफआईआर में है। मैं निर्दोष हूं। मैं वहां था ही नहीं। हमें मीडिया के जरिये उसकी आत्महत्या के बारे में पता चला। हमारे परिवार का कोई भी सदस्य घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। पिछले तीन साल से कोर्ट में केस चल रहा है और इस दौरान हमारा उससे या उसके परिवार से कोई संवाद नहीं हुआ। इसमें हमारी कोई गलती नहीं है। केस चल रहा है…कोर्ट फैसला करेगा और फैसला सुनाएगा। उन्होंने आगे कहा कि सुभाष द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं और निकिता जल्द ही सभी आरोपों का जवाब देगी।
वकीलों ने की धारा 498-ए को जमानती, लिंग-तटस्थ बनाने की मांग
वकीलों ने अतुल के मामले पर एक बार फिर धारा 498 ए के दुरुपयोग पर सवाल उठाते हुए इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग की। वकील विकास पाहवा ने कहा, मुझे लगता है कि यह बहुत गंभीर मामला है। पिछले तीन दशकों की वकालत में मैंने देखा है कि कैसे 498 ए का दुरुपयोग हमारे अपने लोगों – कानूनी बिरादरी, पुलिस तंत्र और असंतुष्ट महिलाओं की ओर से किया जाता है। इस घटना ने विवाद को नया जन्म दिया है और इस मुद्दे को देश के लोगों के सामने लाया है। इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि 498 ए के दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जाना चाहिए क्योंकि यह हमारे समाज के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करता है।