नईदिल्ली : भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल खिलाड़ियों में एक युवराज सिंह 12 दिसंबर को अपना 43वां जन्मदिन मनाएंगे. युवराज सिंह भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने 2 वर्ल्ड कप जीते हैं. वह 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे. 2007 टी20 वर्ल्ड कप वही टूर्नामेंट था जहां से उन्हें सिक्सर किंग का टाइटल दिया गया था. इस टूर्नामेंट में उन्होंने एक ओवर में 6 छक्के जड़कर इतिहास रच दिया था. वह टी20 क्रिकेट में ऐसा कारनामा करने वाले पहले खिलाड़ी बने थे. लेकिन युवराज ने एक ओवर में 6 छक्के क्यों लगाए थे, इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.
6 गेंदों पर जड़े 6 छक्के जड़कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
19 सितंबर 2007 को युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले में तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ ये रिकॉर्ड बनाया था. सिर्फ फैंस हीं नहीं बल्कि स्टुअर्ट ब्रॉड भी इस मार को आज तक नहीं भूल सके हैं. ये टी20 वर्ल्ड कप 2007 का 21वां मैच था. इस मैच में भारतीय पारी के 19वें ओवर में युवराज ने 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाए थे. लेकिन युवराज मैदान पर इस कारनामे के बारे में सोच कर नहीं आए थे. दरअसल, पारी के 18वें ओवर में उनकी एंड्रयू फ्लिंटॉफ से बहस हो गई थी. इसके बाद युवराज ने अपना सारा गुस्सा स्टुअर्ट ब्रॉड पर निकाला था.
दरअसल, भारतीय पारी का 18वां ओवर एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने फेंका था. इस ओवर में युवराज ने 2 चौके लगाए थे. जिसके बाद ओवर खत्म होने पर एंड्रयू फ्लिंटॉफ और युवराज के बीच बहस देखने को मिली और बात इतनी बढ़ गई कि अंपायर्स को बीच-बचाव करना पड़ा. फ्लिंटॉफ की ये गलती पूरी इंग्लैंड की टीम को भारी पड़ी और युवराज ने उस मैच में 12 गेंदों पर अर्धशतक जड़कर इतिहास रच दिया और कुल 16 गेंदों में 58 रन बनाए. जिसमें 3 चौके और 7 छक्के शामिल रहे. युवराज ने उस मैच में टी20 इतिहास की फास्टेस्ट फिफ्टी लगाई थी, जो अभी भी रिकॉर्ड है.
युवराज ने सालों बाद किया था लड़ाई का खुलासा
आखिरी उस दिन युवराज और फ्लिंटॉफ के बीच क्या बातचीत हुई थी, इसको लेकर भारतीय खिलाड़ी ने सालों बाद खुलासा किया था. युवी ने एक इंटरव्यू में उस घटना के बारे में बात करते हुए कहा था, ‘मैंने एंड्रयू फ्लिंटॉफ को 2 चौके लगाए, जो उन्हें पसंद नहीं आए. ओवर पूरा होने के बाद फ्लिंटॉफ ने मेरे शॉट्स को घटिया तक बता दिया था. इसके अलावा उन्होंने मुझसे कहा कि वह मेरा गला काट देंगे. इस लड़ाई से पहले 6 छक्के लगाने का मेरा कोई इरादा नहीं था. फिर मैंने फ्लिंटॉफ को कहा कि मेरे हाथ में जो बल्ला है, तुम जानते हो उससे मैं तुम्हें कहां मार सकता हूं. इसके बाद अंपायर्स बीच में आ गए और फिर मैंने फैसला कर लिया कि हर गेंद को सिर्फ बाउंड्री के बाहर मारूंगा. मेरी किस्मत अच्छी रही कि उस दिन मैं ऐसा करने में कामयाब रहा.’