छत्तीसगढ़

इस साल के अंत तक पटरी पर उतर सकती है देश की पहली सेमी-हाईस्पीड मालगाड़ी गति शक्ति

नईदिल्ली I देश की पहली सेमी-हाईस्पीड मालगाड़ी इस साल दिसंबर तक पटरियों पर उतर सकती है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। वंदे भारत ट्रेनों की तर्ज पर बनी 16 कोच की यह ‘गति शक्ति’ ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से सफर कर सकेगी और इसका निर्माण चेन्नई में स्थित इंटिग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में किया जाएगा।

पीएम गति शक्ति पहल को केंद्रित तरीके से लागू करने के लिए, रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी योजना में तेजी लाने के लिए खुर्दा, बिलासपुर, दिल्ली और बेंगलुरु डिवीजन में अपनी शाखाओं के साथ रेलवे बोर्ड में एक अलग निदेशालय बनाया है। आईसीएफ के महानिदेशक एके अग्रवाल ने कहा कि इन ट्रेनों के डिजाइन का काम पहले ही शुरु हो चुका है।

ऐसी 25 ट्रेनों का निर्माण करने का निर्धारित किया गया लक्ष्य
अग्रवाल ने कहा कि हमने सामग्री के लिए ऑर्डर भी दे दिया है। इस साल दिसंबर तक हम ऐसी दो ट्रेनों का निर्माण कर लेंगे। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल इस तरह की कुल 25 ट्रेनों का निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ट्रेनों की अंतिम संख्या इस बात पर निर्भर करेगी कि शुरुआती ट्रेनों को बाजार के किस तरह की प्रतिक्रिया मिलती है।

अधिकारियों ने बताया कि रेलवे की योजना इन ट्रेनों के माध्यम से ई-कॉमर्स और कुरियर के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की है। हर ट्रेन में आगे और पीछे की ओर रेफ्रिजरेशन वैगन भी होगी, ताकि इनमें दूध के उत्पाद, मछलियां, फल और सब्जियां ले जाई जा सकें। इन वैगन के लिए कोच से बिजली कनेक्शन पहुंचाया जाएगा। हर कोच में दो बड़े दरवाजे होंगे।

115 करोड़ की लागत से बनेगी नई 16 कोच की वंदे भारत ट्रेन
इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि 16 कोच वाली सेमी-हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के नए सेट का निर्माण 115 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ किया जाएगा। इनमें से दो ट्रेनों का ट्रायल इसी साल अगस्त में शुरू हो सकता है। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी कहा कि जब कोच का निर्माण बड़ी मात्रा में होने लगेगा तब लागत में भी कमी आएगी।

रेलवे ने अगस्त 2023 तक ऐसी 75 ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। ऐसी दो ट्रेनों का संचालन पहले ही दिल्ली व कटरा और दिल्ली व वाराणसी के बीच हो रहा है। इन ट्रेनों के अगले सेट में कई नए अपग्रेड देखने को मिलेंगे। ये यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं से संबंधित हैं। 16 कोच की एक वंदे भारत ट्रेन के निर्माण में 110 से 120 करोड़ का खर्च आएगा।