छत्तीसगढ़

बिना लक्षण वाले मरीजों में भी मिली कैंसर की बीमारी, वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट से की पहचान

नईदिल्ली I दुनियाभर में हर साल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. कैंसर की पहचान उसके लक्षणों से की जाती है. लेकिन कई बार कुछ मरीजों में शरुआती लक्षण नहीं दिखते हैं, इसके बावजूद भी वो कैंसर का शिकार हो जाते हैं. लेकिन अब कैंसर स्क्रीनिंग के इतिहास में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, जो चिकित्सा विज्ञान के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. वैज्ञानिकों ने एक ब्लड टेस्ट के माध्यम से कई मरीजों में कैंसर का पता लगाया है. इनमें किसी में भी कैंसर का कोई लक्षण नहीं दिखा था.

कैंसर स्क्रीनिंग में सुधार पर काम करने वाली स्वास्थ्य सेवा कंपनी, GRAIL द्वारा यह रिसर्च की गई है. इसमें 6,662 व्यक्तियों को शामिल किया गया है. यह सभी लोग 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के थे. इस रिसर्च के परिणाम पेरिस में यूरोपियन सोसाइटी फॉर मेडिकल ऑन्कोलॉजी (ईएसएमओ) कांग्रेस 2022 में पब्लिश किए गए हैं. इस रिसर्च में शामिल 1 प्रतिशत लोगों में कैंसर पाया गया है. इस मल्टी-कैंसर अर्ली डिटेक्शन परीक्षण के जरिए ये ब्लड टेस्ट किए गए हैं, जिसमें बिना लक्षण वाले कैंसर मरीजों में भी इस बीमारी का पता चला है.

बिना लक्षण वाले मरीजों की भी मिलेगी जानकारी

GRAIL के एमडी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी जेफ्री वेनस्ट्रॉम ने कहा कि 92 मरीजों में में कैंसर के लक्षण का पता चला था और इनमें से 35 मरीजों में कई प्रकार के कैंसर की पुष्टि हुई. कंपनी ने खुलासा किया कि पुष्टि किए गए कैंसर में, 71 प्रतिशत मरीजों में ऐसा कैंसर मिले हैं, जिनकी जांच आसानी से उपलब्ध नहीं है. अब इस टेस्ट के माध्यम से लोगों की कैंसर की स्क्रीनिंग आसानी से की जा सकेगी. अगर किसी में कैंसर का कोई लक्षण नहीं भी है तो भी इस टेस्ट के जरिए बीमारी का आसानी से पता लग जाएगा.

आसानी से हो सकेगी कैंसर की जांच

नए परीक्षण से कैंसर की जांच में वृद्धि होने और उम्मीद से पहले बेहतर उपचार रणनीति तैयार करने की संभावना है. रिसर्च में शामिल लोगों को इमेजिंग प्रक्रियाओं के माध्यम से टेस्ट किया गया था. जैसे स्कैन या एमआरआई . इस अध्ययन में 11 अलग-अलग प्रकार के कैंसर का पता चला है, जिनकी आज कोई मानक जांच नहीं है.

नए टेस्ट तकनीक के माध्यम से कैंसर का निदान आसानी से हो सकेगा. अगर मरीज में कोई लक्षण नहीं दिख रहे, लेकिन वो हाई रिस्क ग्रुप में है तो इस तकनीक का सहारा लिया जा सकता है, जिससे कैंसर के मरीजों की संख्या और इस बीमारी से होने वाली मौतों में कमी आ सकेगी.