नईदिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत दर्ज की. इस चुनाव में कमला हैरिस को शिकस्त का सामना करना पड़ा. लेकिन इस बार के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक और हाईलाइट सामने आई. ऐसा पहली बार हुआ कि अमेरिकी चुनाव में किसी ट्रांसजेंडर उम्मीदवार को चुना गया. डेमोक्रेट सारा मैकब्राइड वो ट्रांसजेंडर महिला हैं, जो अमेरिकी संसद में जीत दर्ज करके पहुंची हैं. सारा का जन्म एक पुरुष के तौर पर हुआ था, लेकिन उन्होंने खुद को एक महिला के रूप में ट्रांसफॉर्म करवा लिया है.
अमेरिकी संसद में मचा बवाल
सारा मैकब्राइड के ट्रांसजेंडर महिला होने को लेकर अमेरिकी संसद में विवाद छिड़ गया है. ये विवाद इतना बढ़ गया कि इसे लेकर संसद में एक प्रस्ताव पास किया. रिपब्लिकन पार्टी की महिला सांसद नैंसी मेस ने सारा मैकब्राइस के महिला वॉशरूम इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई. नैंसी मेस ने कहा कि सारा मैकब्राइड को महिला टॉयलेट्स का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं, क्योंकि इससे बाकी महिलाओं की प्राइवेसी का हनन है.
सारा मैकब्राइड के विरोध में नैंसी मेस ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में दो पन्नों का एक प्रस्ताव भी पेश किया. इस प्रस्ताव में लिखा था कि संसद के सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मूल जेंडर (जिस जेंडर में उन्होंने जन्म लिया है) के अलावा कोई अन्य शौचालय इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं हो. इसके साथ ही प्रस्ताव में ये भी कहा गया कि पुरुष के तौर पर जन्मे लोगों को लेडीज टॉयलेट या चेंजिंग रूम में आने की इजाजत देने से महिलाओं की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
सारा मैकब्राइड का रिएक्शन
सारा मैकब्राइड ने भी इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. ट्रांसजेंडर महिला सांसद ने कहा कि ये दक्षिणपंथी नेताओं की चाल है, जिससे वास्तविक मुद्दों से लोगों को भटकाया जा सके. इसके साथ ही सारा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके पास लोगों की उन समस्याओं का समाधान नहीं है, जिनसे लोग लगातार जूझ रहे हैं.
विवाद के बाद क्या आया फैसला?
अमेरिकी हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने नैंसी मेस के प्रस्ताव पर विचार करते हुए ट्रांसजेंडर महिलाओं के लेडीज टॉयलेट इस्तेमाल न करने के विचार का समर्थन किया. हाउस स्पीकर ने कहा कि महिलाओं के लिए पर्सनल स्पेस बहुत जरूरी है. इसके साथ ही माइक जॉनसन ने बताया कि कैपिटल हिल से लेकर संसद तक ये बैन लागू रहेगा.