छत्तीसगढ़

Prostate Cancer: रिसर्च में दावा- अल्ट्रासाउंड स्कैन से भी हो सकती है प्रोस्टेट कैंसर की पहचान

नई दिल्ली। ब्रिटेन में हुए एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि खास प्रकार के अल्ट्रासाउंड स्कैन के जरिये भी प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इंपीरियल कालेज लंदन, यूनिवर्सिटी कालेज लंदन व इंपीरियल कालेज हेल्थकेयर एनएचएस ट्रस्ट के शोधकर्ताओं ने 370 लोगों पर किए गए अध्ययन के हवाले से कहा कि यह अल्ट्रासाउंड स्कैन सिर्फ 4.3 प्रतिशत वैसे प्रोस्टेट कैंसर का पता नहीं लगा पाया, जो नैदानिक तौर पर थोड़े जटिल थे।

फिलहाल MRI से प्रोस्टेस कैंसर का चलता है पता

बता दें कि फिलहाल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) के जरिये प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाया जाता है। इंपीरियल कालेज लंदन में यूरोलाजी के विभागाध्यक्ष तथा अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रोफेसर हाशिम अहमद के अनुसार, ‘ब्रिटेन में छह में से एक व्यक्ति को जीवन के किसी न किसी मोड़ पर प्रोस्टेट कैंसर का सामना करना पड़ता है। भविष्य में यह खतरा और बढ़ सकता है। MRI जांच प्रभावी तो है, लेकिन महंगी भी है।’

अल्ट्रासाउंड स्कैन से प्रोस्टेट कैंसर की पहचान

प्रोफेसर हाशिम अहमद ने कहा कि MRI स्कैन में कम से कम 40 मिनट लगते हैं और यह सभी जगहों पर उपलब्ध भी नहीं है। हमारा अध्ययन यह साक्ष्य उपलब्ध कराता है कि खास प्रकार के मल्टीपैरामीट्रिक अल्ट्रासाउंड (MPUSS) को प्रोस्टेट कैंसर की प्रभावी जांच के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, MRI स्कैन बेहतर विकल्प है, लेकिन इस अल्ट्रासाउंड स्कैन में भी अधिकांश प्रोस्टेट कैंसर का पता चल सकता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि रिसर्च में एक व्यक्ति पर किए गए अध्ययन में स्क्रीनिंग की उच्च दर एडवांस कैंसर के बाद के निदान की कम दरों से जुड़ी हुई थी। लेकिन स्क्रीनिंग में हर 10% की कमी के लिए, पांच साल बाद मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर की घटनाओं में 10% की वृद्धि हुई।