नईदिल्ली I सुप्रीम कोर्ट ने 2014 से 2020 तक दायर 1000 से अधिक मामलों की गलतियों को ठीक करने के लिए आखिरी मौका दिया है। कोर्ट ने इसके लिए अधिवक्ताओं को चार सप्ताह का समय दिया है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर अधिवक्ता ऑन-रिकॉर्ड ऐसा करने में विफल रहते हैं तो इन मामलों को खारिज कर दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ने हाल ही में दिए अपने आदेश में कहा कि अदालत में 2014 से 2020 तक सूचीबद्ध किए गए 1000 मामले ऐसे हैं, जिनमें दोष थे। ऐसी फाइलें संशोधन के लिए अधिवक्ताओं को वापस कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, ये मामले रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी रजिस्ट्री में वापस नहीं आए हैं। ऐसे में इन दोषों को ठीक करने का आखिरी चार सप्ताह का समय दिया जाता है। ऐसा न करने पर बिना किसी संदर्भ के मामलों को खारिज कर दिया जाएगा।
13,147 मामले हो चुके हैं खारिज
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त, 2014 से पहले के 13,147 मामलों को इसी तरह खारिज कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि कई मामले आठ साल से अधिक पहले दायर किए गए थे, लेकिन उनमें हुईं गलतियों को कभी भी ठीक नहीं किया गया था।