रायपुर/ लखनऊ। चर्चित लोकनाथ अपहरण व हत्या के मामले में वांछित राजेश सिंह को लखनऊ की गोमती नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अपहरण व हत्या के मुकदमे में जमानत कराने के बाद राजेश सिंह ने अपनी मूल संपत्ति बेच दी और वह छत्तीसगढ़ में आकर नाम बदलकर रह रहा था। कोर्ट में पेश न होने पर एनबीडब्ल्यू और कुर्की की कार्रवाई के आदेश जारी हुए थे। बदमाश राजेश सिंह ने वाराणसी जिले में अपनी सभी जमीनी और घरों को बेच दिया। जिसके बाद वह दूसरे नाम पता पर छत्तीसगढ़ में आकर रहने लगा। 10 साल से फरार राजेश कुमार सिंह को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
कोर्ट से जमानत पर छूटने के बाद बेच दी सारी संपत्ति
डीसीपी ईस्ट प्राची सिंह ने लखनऊ में बताया कि पकड़े गए राजेश अपहरण और हत्या के मुकदमे में चार साल तक की जेल में रहा। 4 साल बाद कोर्ट से जमानत पाने के बाद राजेश करीब एक साल तक बनारस में रहने लगा। राजेश फिर अपने और पूरे परिवार की संपत्ति को बेच दिया। बिना किसी को सूचना दिए वह छत्तीसगढ़ रेलवे स्टेशन के पास जाकर रहने लगा।
कोर्ट से जारी हुआ एनबीडब्ल्यू तब शुरू हुई तलाश
बदमाश राजेश सिंह की तलाश लखनऊ पुलिस ने 2017 में शुरू की। जब कोर्ट में पेश ना होने पर राजेश सिंह की तलाश शुरू हुई। पुलिस ने समन तामिला कराने के लिए वाराणसी पहुंची। जानकारी हुई कि राजेश सिंह यहां नहीं रहता।
कोर्ट की तरफ से राजेश सिंह के पेश न होने पर एनबीडब्ल्यू और उसके बाद कुर्की की कार्रवाई के आदेश दिए गए। लखनऊ पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर बनारस में राजेश सिंह के घर पहुंची। तो वहां पर पड़ोसियों ने बताया कि जमीन बेचकर कहीं और रह रहा है जिसकी जानकारी किसी को नहीं है।
जमानत दारों की मदद से राजेश तक पहुंची पुलिस
लखनऊ पुलिस ने कोर्ट में जमानत लेने वाले दोनों व्यक्तियों के घर की तलाश शुरू की। पुलिस ने एक लाख के इनामी राजेश सिंह को रायपुर रेलवे स्टेशन के पास पार्किंग से गिरफ्तार किया है। राजेश सिंह के पास से फर्जी आधार कार्ड गलत नाम पता बनाकर रहने और छुपाने के भी साथ मिले हैं जिसमें छत्तीसगढ़ में निवास करने का नाम पता था। पुलिस ने राजेश सिंह पर फर्जीवाड़ा और फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए FIR गोमती नगर में दर्ज की है।