नईदिल्ली I समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने चुनाव आयोग को रामपुर में होने वाले उपचुनाव के लिए 11 नवंबर के बाद अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को नफरती भाषण मामले में सजा पर रोक लगाने की आजम खान की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करने का निर्देश दिया है. ऐसे में अब आजम खान के भविष्य का फैसला 10 नवंबर को होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान को उचित मौका देना जरूरी है. ऐसे में अगर निचली अदालत सजा पर रोक लगाती है तो आजम खान विधानसभा सदस्य बने रहेंगे. अगर रोक नही लगती है तब चुनाव आयोग अगले दिन या उसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर सकता है.
दरअसल, भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद यानी 29 अक्टूबर को आजम खान की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने इसकी जानकारी दी थी. उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रधान सचिव प्रदीप दुबे ने बताया था कि विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर विधानसभा सीट को खाली घोषित कर दिया है. रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने सपा नेता आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में 28 अक्टूबर को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और 6 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और यूपी सरकार से मांगा था जवाब
सदस्यता जाने को लेकर आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुनवाई के दौरान आजम खान के वकील पी चिदंबरम ने कोर्ट से कहा कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन रामपुर सदर विधानसभा सीट खाली घोषित कर दी गई और 10 नवंबर को उपचुनाव की तारीख भी तय कर दी गई. सदस्यता रद्द करने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में लाने पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? इस पर चिदंबरम ने कहा कि हाईकोर्ट में दो दिन की छुट्टी है, इसलिए वहां सुनवाई में समय लग सकता है. इसके बाद कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था.
दरअसल पूरा विवाद साल 2019 में शुरू हुआ था. जब आजम खान नेलोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहा था. इस भड़काऊ भाषण के कारण उनपर मुकदमा दर्ज किया गया था. खान के इस भाषण का वीडियो भी वायरल हुआ था.