नईदिल्ली I टी20 फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेट टीम में बदलाव की बातें चल रही हैं. मांग, सुझाव और प्रतिक्रियाओं के तौर पर टीम के नेतृत्व से लेकर सदस्यों तक को बदलने की बातें हो रही हैं. टी20 विश्व कप की नाकामी के बाद हार्दिक पंड्या को कप्तान बनाने की चर्चाएं भी तेज हैं. फिलहाल तो पंड्या न्यूजीलैंड में टी20 सीरीज में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे हैं, जहां भारत ने दूसरे मैच में मेजबान टीम को आसानी से हरा दिया. इस मैच के बाद हार्दिक ने जो बात कही, उसने बता दिया कि हार्दिक अब टीम को अपनी तरह से चलाने के लिए तैयार हैं.
माउंट माउनगानुई में भारत और न्यूजीलैंड के बीच रविवार 20 नवंबर को टी20 सीरीज का दूसरा मैच खेला गया. इस मैच में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी सूर्यकुमार यादव ने. स्टार बल्लेबाज ने टी20 करियर का दूसरा शतक जमाकर महफिल लूट ली. फिर गेंदबाजों ने न्यूजीलैंड को सिर्फ 126 रनों पर समेटते हुए भारत को 65 रनों से आसान जीत दिलाई. टीम इंडिया की इस बड़ी जीत में पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर दीपक हुड्डा ने भी अहम भूमिका निभाई और 4 विकेट चटकाए.
बल्लेबाज भी दें गेंद से योगदान
टीम इंडिया की इस जीत और खास तौर पर पार्ट टाइम गेंदबाजों की अहमियत और जरूरत के बारे में बात करते हुए कप्तान पंड्या ने कहा कि वह टीम के अन्य बल्लेबाजों से भी गेंद के जरिए मदद की उम्मीद करते हैं. जीत के बाद हार्दिक ने कहा,“मैदान की परिस्थितियां काफी गीली थीं, इसलिए गेंदबाजों को (जीत का) श्रेय जाता है. मैंने काफी गेंदबाजी की है, आने वाले वक्त में गेंदबाजी के ज्यादा विकल्प देखना चाहता हूं. ये हमेशा काम नहीं आएगा लेकिन मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा बल्लेबाज गेंद के साथ योगदान दें.”
टीम इंडिया को खलती रही कमी
भारतीय टीम में अभी तक शीर्ष क्रम में कप्तान रोहित शर्मा, केएल राहुल विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज रहे हैं, जिनमें से कोई भी गेंदबाजी नहीं करता है. ऐसे में अक्सर क्रिकेट विशेषज्ञ टीम इंडिया को इस कमजोरी और इसे दूर करने में नाकाम रहने पर लताड़ लगाते रहे हैं और बड़े टूर्नामेंट में इसकी कमी भारत को नजर भी आई है.
टीम इंडिया के पार दीपक हुड्डा के रूप में ये विकल्प आया है, जो एक अच्छे बल्लेबाज के साथ उपयोगी पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर भी हैं. टीम इंडिया ने हालांकि, एशिया कप और फिर टी20 विश्व कप के दौरान उन्हें जिन मैचों में मौके मिले भी, तो उनसे गेंदबाजी नहीं कराई गई, जबकि बैटिंग के लिए भी काफी नीचे भेजा गया. इस पर लगातार सवाल खड़े हुए थे.