कांकेर। छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव का मैदान साफ हो चुका है। नाम वापसी के अंतिम दिन 14 लोगों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद कांग्रेस की सावित्री मंडावी और भाजपा के ब्रह्मानंद नेताम सहित कुल सात उम्मीदवार मैदान में रह गये हैं। इस उपचुनाव के लिए पांच दिसम्बर को मतदान होना है। आठ दिसम्बर को मतगणना के बाद नये विधायक का नाम सामने आ जाएगा।
निर्वाचन कार्यालय से बताया गया, उप चुनाव के लिए कुल 39 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। स्क्रूटनी के बाद 18 लोगों का नामांकन रद्द हुआ। 18 नवम्बर को 21 नामांकन को वैध घोषित करते हुए सूची जारी हुई थी। सोमवार को नाम वापसी का अंतिम दिन था। उस दिन 14 निर्दलीय दावेदारों ने अपना नाम वापस ले लिया। इनमें अर्जुन सिंह, अयुनाराम ध्रुव, गौतम कुंजम, जीवन राम ठाकुर, दुर्योधन दर्रो, देवप्रसाद जुर्री, नागेश कुमार महला, प्रमेश कुमार टेकाम, बलराम तेता, महात्मा कुमार दुग्गा, रेवतीरमन गोटा, रोहित कुमार नेताम, लक्ष्मीकांत गावड़े और सेवालाल चिराम का नाम शामिल है। अब चुनाव मैदान में सात उम्मीदवार बच गये हैं। उनमें कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री मंडावी, भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के घनश्याम जुर्री, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के शिवलाल पुडो, राष्ट्रीय जनसंघ पार्टी के हीरा नेताम, निर्दलीय अकबर कोर्राम और दिनेश कुमार कल्लो शामिल हैं।
करीब दो लाख वोटर चुनेंगे अपना प्रतिनिधि
भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 95 हजार 678 मतदाता पंजीकृत हैं। उनमें से एक लाख एक हजार 491 महिलाएं और 95 हजार 186 पुरुष हैं। एक मतदाता थर्ड जेंडर के तौर पर भी रिकॉर्ड में है। मतदाताओं में 3 हजार 490 ऐसे मतदाता भी हैं जिनकी आयु 18 से 19 साल के बीच है। वे पहली बार अपना विधायक चुनने जा रहे हैं। इस क्षेत्र में 19 महिलाओं और 529 पुरुषों को सर्विस वोटर के तौर पर चिन्हित किया गया है।
प्रमुख मुकाबला कांग्रेस-भाजपा के बीच
भानुप्रतापुर विधानसभा का उप चुनाव कांग्रेस विधायक मनोज मंडावी के निधन की वजह से हो रहा है। 16 अक्टूबर को सुबह दिल का दौरा पड़ने की वजह से मंडावी का निधन हो गया था। कांग्रेस ने मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने एक बार पहले भी विधायक रह चुके ब्रह्मानंद नेताम पर दांव लगाया है। दोनों के प्रत्याशियों ने 17 नवम्बर को नामांकन किया था। उसके बाद से दोनों दलों के वरिष्ठ नेता भानुप्रतापपुर और कांकेर में डेरा डाले हुए हैं। माना जा रहा है कि इस चुनाव का प्रमुख मुकाबला इन्हीं दो दलों के बीच होगा।