छत्तीसगढ़

HIV पॉजिटिव महिला को छूने से किया इनकार, 6 घंटे तक दर्द से तड़पती रही, नवजात की मौत

फिरोजाबाद I उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग का अमानवीय चेहरा देखने को मिला. डॉक्टरों की लापरवाही से जन्म के बाद ही एक बच्चे की मौत हो गई. दरअसल, एचआईवी पॉजिटिव महिला को प्रसव पीड़ा के बाद परिजन सरकार अस्पताल लेकर पहुंचे थे. डॉक्टरों को जब यह जानकारी हुई कि महिला एचआईवी पॉजिटिव है तो उन्होंने उसे छूने से इनकार कर दिया. काफी देर तक महिला दर्द से कराहती रही. जब इसकी जानकारी सीएमएस को हुई तो उन्होंने डॉक्टरों को फटकार लगाई, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. प्रसव के बाद ही महिला के बच्चे ने दम तोड़ दिया.

महिला के माता-पिता ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर बेटी पहले एक निजी अस्पताल ले गए. वहां पर डॉक्टरों ने 20 हजार रुपए मांगे. पैसे नहीं होने के कारण हम मेडिकल कॉलेज लेकर आए. यहां डॉक्टरों को जब बताया कि बेटी एचआईवी पॉजिटिव भी है तो उन्होंने बेटी को छुआ भी नहीं. वह स्ट्रेचर पर दर्द से कराह रही थी. फिर हमने मेडिकल कॉलेज की प्रभारी को फोन किया. उनके हस्ताक्षेप के बाद रात साढ़े नौ बजे ऑपरेशन किया गया.

मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल ने कराई जांच

माता-पिता ने बताया कि बेटी करीब छह घंटे तक प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन एक भी डॉक्टर उसकी देखभाल करने के लिए तैयार नहीं था. वहीं मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीता अनेजा ने बताया कि मरीज दोपहर करीब तीन बजे आई थी. जो लोग मरीज के साथ थे, उन्होंने डॉक्टरों या किसी को भी उसके एचआईवी पॉजिटिव होने की जानकारी नहीं दी. जैसे ही मुझे पता चला, मैं यहां आई और एक जांच समिति बनाई.

स्ट्रेचर पर ही तड़तपी रही महिला

मैंने सबसे बात की है. उन्होंने मुझे बताया कि एक नियमित रोगी की तरह महिला की जांच की गई. महिला की डिलीवरी रात लगभग नौ बजे हुई. उन्होंने इसकी जांच कराई है. जांच जांच रिपोर्ट भी आ चुकी है. अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो हम कार्रवाई करेंगे. वहीं राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन से जुड़े एक गैर सरकारी संगठन के एक क्षेत्र अधिकारी ने बताया कि मैंने महिला को दोपहर तीन बजे अस्पताल में भर्ती कराया था. जब हमने उसे स्ट्रेचर पर रखा तो किसी भी कर्मचारी ने उसे छुआ या कोई जांच करने से मना कर दिया. महिला रात नौ बजे तक दर्द से तड़पती रही, फिर भी किसी ने उसे छुआ नहीं.