नईदिल्ली I दिल्ली के महरौली इलाके में हुए श्रद्धा हत्याकांड की जांच पुलिस तेजी से कर रही है. हर रोज श्रद्धा केस में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. वहीं अब श्रद्धा की आखिरी इंस्टाग्राम चैट सामने आई है. श्रद्धा की यह चैट हत्या वाले दिन यानि 18 मई की है. श्रद्धा ने शाम करीब साढ़े चार बजे अपने एक दोस्त को मैसेज किया था, जिसमें श्रद्धा ने लिखा था कि, ‘I HAVE GOT NEWS’, यानी मेरे पास खबर है. इस मैसेज के बाद श्रद्धा ने एक और मैसेज किया, जिसमें श्रद्धा ने लिखा कि, ‘I GOT SUPER BUSY WITH SOMETHING’ यानि मैं किसी चीज में बहुत व्यस्त हूं. ये श्रद्धा का आखिरी मैसेज था.
इसके बाद उसी शाम करीब साढ़े छह बजे श्रद्धा के दोस्त ने मैसेज करके पूछा कि ‘और क्या खबर है’, लेकिन श्रद्धा की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. दोस्त ने और कई मैसेज भी भेजे, लेकिन किसी भी मैसेज का जवाब नहीं मिला. इसके बाद दोस्त से मैसेज करना बंद कर दिया. तीन महीने बाद 15 सितंबर को श्रद्धा के दोस्त ने आफताब को मैसेज किया और पूछा कि भाई तुम्हारा कुछ पता नहीं चल रहा है, कहां हो तुम और श्रद्धा? अगर फ्री हो तो बात कर लो. श्रद्धा से भी बोल दो कि बात कर ले. हालांकि आफताब ने उसके मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया. दोस्त ने आफताब को फोन भी किया, लेकिन आफताब ने उठाया नहीं.
दोबारा 3 माह बाद किया मैसेज, पर कोई रिप्लाई नहीं मिला
आफताब के इस रैवये से श्रद्धा के दोस्त को चिंता होने लगी थी. ठीक नौ दिन बाद 24 सितंबर को दोस्त ने श्रद्धा के इंस्टाग्राम पर मैसेज किया. इस बार मैसेज उसका सीन हो गया, लेकिन दूसरी तरफ से कोई रिप्लाई नहीं आया. श्रद्धा को किए मैसेज में दोस्त ने लिखा, तुम कहां हो. तुम सुरक्षित तो हो न? यहीं से उसके दोस्त को अनहोनी की आशंका जताने लगी.
आफताब और श्रद्धा की मुलाकात एक डेटिंग ऐप के जरिए हुई थी. इसके बाद उन्होंने मुंबई में एक कॉल सेंटर में साथ काम करना शुरू किया और दोनों के बीच वहीं से प्रेम संबंध शुरू हुए. अलग-अलग धर्म से नाता रखने के कारण उनके माता-पिता को उनके रिश्ते से ऐतराज था. इसीलिए वे दिल्ली आ गए थे.
शादी करने को लेकर हुई थी बहस
दोनों के बीच कथित तौर पर 18 मई को शादी को लेकर बहस हुई, जिसके बढ़ने पर आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए. आफताब ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने घर पर करीब तीन सप्ताह तक इन टुकड़ों को 300 लीटर के फ्रिज में रखा. वह कई दिन तक आधी रात को उन्हें शहर भर में फेंकने के लिए जाता था.