बिलासपुर I छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में वृद्ध महिला के बैंक अकाउंट से 9 लाख रुपए गायब होने का मामला सामने आया है। दरअसल, पेंशनर महिला के पास न तो ATM है और न ही नेट बैंकिंग का उपयोग करती हैं। बावजूद इसके उनके खाते से ATM और योनो नेट बैंकिंग के जरिए पैसे निकाल लिए गए। यही नहीं उनकी जानकारी के बिना ही उनके एफडी से पांच लाख 40 हजार रुपए का लोन ले लिया गया है। ऐसे में इस केस में बैंक प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, अब पुलिस की जांच के बाद से इसका राज खुलेगा। पूरा मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
पुलिस के अनुसार सिविल लाइन क्षेत्र के तिलक नगर में रहने वाली कुसुम पवार (85) पेंशनर हैं। उनका अकाउंट एसबीआई के कलेक्ट्रेट शाखा में है। इसमें उनकी पेंशन की राशि जमा होती है। महिला बच्चों की फीस जमा करने के लिए पैसे निकालने बैंक पहुंची, तब पता चला कि उनके खाते से 9 लाख रुपए निकल गए हैं। हैरान और परेशान महिला ने बैंक से डिटेल निकलवाया तो मालूम हुआ कि ATM कार्ड और योनो नेटबैंकिंग से पैसे निकाले गए हैं। हैरानी की बात है कि उन्होंने अपना ATM कार्ड ही नहीं बनवाया है और न ही योनो नेटबैंकिंग का उपयोग किया है। उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस से की है, जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।
बेटी के मोबाइल से लिंक था अकाउंट
कुसुम पवार ने पुलिस को बताया कि दो साल पहले उनका बैंक अकाउंट उनकी बेटी निशा पवार के मोबाइल नंबर से लिंक था। उनकी बेटी निशा की दो साल पहले मौत हो चुकी है। तब से उसका मोबाइल भी बंद है और अब वह नंबर उपयोग में नहीं है।
अकाउंट में एक रुपए हुआ था जमा, इसके बाद से निकाले गए पैसे
महिला ने बैक से जानकारी ली, तब पता चला कि उनके बैंक अकाउंट में बीते पांच फरवरी को अनजान नंबर के माध्यम से एक रुपए जमा हुए थे। इसके बाद से उनके बैंक खाते से लगातार पैसे निकलते रहे। कुछ दिन पहले जब वह बैंक गईं, तब उन्हें इसकी जानकारी हुई।
एफडी से निकल गए लोन और महिला को भनक नहीं
महिला ने बैंक में 6 लाख रुपए फिक्स डिपाजिट कराया था। जालसाजों ने उनके एफडी की रकम से पांच लाख 40 हजार रुपए का लोन भी ले लिया है, जिसकी उन्हें भनक तक नहीं है। ऐसे में इस मामले में बैंक प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है।
करीबी का हो सकता है हाथ, जांच में जुटी पुलिस
सिविल लाइन TI परिवेश तिवारी का कहना है कि जिस तरह से महिला के अकाउंट से पैसे पार हुए हैं, इससे इस पूरे केस में उनके किसी करीबी का भी हाथ हो सकता है। आशंका जताई जा रही है कि महिला से धोखे से कागजात में हस्ताक्षर करा लिया गया हो और ATM और नेट बैंकिंग की सुविधा ले ली गई हो। हालांकि, यह सब बैंक प्रबंधन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। ऐसे में पूरी जांच के बाद ही मामले का राज खुल सकेगा।