नईदिल्ली I कभी जिनके स्टाइल स्टेटमेंट और फिटनेस फ्रीक होने की चर्चा पूरे देश में होती थी. सुर्खियों में रहने वाले ऐसे उद्योगपति अनिल अंबानी की फाइनेंशियल फिटनेस लंबे समय से ठीक नहीं चल रही है. अब उनके कारोबारी समूह का एक और चमकता सितारा डूबने जा रहा है. जी हां, अनिल अंबानी ग्रुप की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल की ई-नीलामी 19 दिसंबर को होगी.
फाइनेंशियल सेक्टर की सबसे मजबूत कंपनियों में से एक रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) की ई-नीलामी दिवाला प्रक्रिया के तहत होने जा रही है. इस बोली का आधार (Base Price) 5,300 करोड़ रुपये होगा, क्योंकि कॉस्मिया और पिरामल गठजोड़ ने कंपनी के लिए ये बोली लगाई है.
और कंपननियां भी हैं लाइन में
कर्ज में फंसी कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड की ई-नीलामी के संचालन से जुड़े नियम एवं प्रक्रिया को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि पहले दौर की नीलामी में बोली लगाने वालों को आधार मूल्य से अधिक की बोली लगानी होगी.
यह पहला मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर किसी कर्ज से दबी कंपनी की ई-नीलामी की जाएगी. आरसीएल को पूरी कंपनी खरीदने के लिए चार बाध्यकारी बोलियां मिली थीं. इनके अलावा ओकट्री, हिंदुजा और टॉरेंट ग्रुप ने भी बोलियां लगाई थीं.
LIC, EPFO की बड़ी हिस्सेदारी
नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को पिछले साल नवंबर में रिजर्व बैंक ने बर्खास्त कर दिया था. इसी के साथ नागेश्वर राव वाई को कंपनी का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया था. रिलायंस कैपिटल की ई-नीलामी का निर्णय एलआईसी और ईपीएफओ के आग्रह पर लिया गया है.
रिलायंस कैपिटल में सरकारी के नियंत्रण वाली इन दोनों कंपनियों का काफी स्टेक लगा है. इसलिए जब रिलायंस कैपिटल को दिवाला प्रक्रिया का सामाना करना पड़ा तो कंपनी की क्रेडिटर्स कमेटी में इन दोनों के पास कुल 35 प्रतिशत का नियंत्रण है.
रिलायंस कैपिटल दिवाला प्रक्रिया के तहत नीलामी में होने वाली तीसरी एनबीएफसी है. इसके पहले श्रेई ग्रुप और डीएचएफएल की नीलामी हो चुकी है.