कोरबा I कोरबा जिले के रजगामार चौकी क्षेत्र में 17 दिसंबर को हुई बालको के रिटायर्ड कर्मचारी की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। 73 वर्षीय बुजुर्ग बालेश्वर चौबे की हत्या भुलसीडीह के झोरखी फार्म हाउस पर कर दी गई थी। अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस ने डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद ली। आखिरकार 18 दिन के बाद पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए 3 जनवरी को आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया।
ढोढ़ीपारा निवासी बालेश्वर चौबे बालको का रिटायर्ड कर्मचारी था। रिटायर होने के बाद से वो भुलसीडीह के झोरखी स्थित फार्म हाउस पर ही रहता था। उसके 3 बेटे और एक बेटी है। बड़ा बेटा केदारनाथ चौबे निजी कंपनी में चौकीदारी करता है। दूसरा बेटा राजेश चौबे का खुद का टेंट हाउस है। तीसरा बेटा पुष्पेंद्र चौबे है। दो बड़े बेटे कोरबा के ढोढ़ीपारा बस्ती में रहते हैं, वहीं छोटा बेटा बिहार के अररिया जिले में ही रहकर खेती करता है। मृतक बालेश्वर का परिवार बिहार के अररिया जिला चौबेटोला थाना भोरे का रहने वाला है।
बालेश्वर चौबे की भुलसीडीह में 13 से 14 एकड़ जमीन है, जिस पर उसने फार्म हाउस बनाया हुआ था। पत्नी के गुजर जाने के बाद वो यहां अकेले ही रहता था। उससे मिलने के लिए बेटे-बेटी आते-जाते रहते थे। बालेश्वर के पास 2-3 बसें भी थीं, जो खराब होने के बाद से फार्म हाउस में ही पड़ी थीं और वहां रखे-रखे कबाड़ में तब्दील हो गई थीं। दोनों बेटे इन बसों को बेचना चाहते थे, लेकिन पिता बालेश्वर ने इस बात से इनकार कर दिया था।
पुलिस ने जब अंधे कत्ल की जांच शुरू की, तो सबसे पहला शक दोनों बेटों पर ही गया। जब डॉग बाघा की भी मदद जांच में ली गई, तो उसकी हरकत भी साफ इस बात को लेकर इशारा कर रही थी कि हत्या में बेटा राजेश संलिप्त है। रजगामार चौकी प्रभारी राजेश चंद्रवंशी ने बताया कि 17 दिसंबर को घटना सामने आई थी।
जांच में साफ हो गया कि मृतक के बेटे राजेश चौबे ने ही पिता बालेश्वर चौबे की टांगी मारकर हत्या की थी। उसी ने पुलिस को सूचना भी दी थी। हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ करने पर राजेश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह टेंट हाउस खोलने के लिए अपने पिता से पैसे की मांग कर रहा था, लेकिन वे पैसे नहीं दे रहे थे, जिसके कारण उसने उन्हें जान से मार दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
मृतक बालेश्वर चौबे ने 1991 में भुलसीडीह में दो एकड़ जमीन लेकर फार्म हाउस बनाया था। यहां उसने कुछ मवेशी भी पाल रखे थे। फॉर्म हाउस में सागौन बाड़ी और फलदार पेड़ भी लगे हुए हैं, जिसकी देखरेख वो खुद करता था।