नईदिल्ली I चीन, जापान और अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। चीन से मिल रही खबरों से पता चलता है कि वहां फिलहाल हालात काफी बदतर हैं। ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट्स के कारण अमेरिका में भी पिछले दिनों संक्रमण और अस्पतालों में लोगों की भीड़ काफी बढ़ती हुई देखी जा रही है।हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस में कई ऐसे म्यूटेशन देखे हैं जो इसकी प्रकृति को काफी संक्रामक बनाती है। नए XBB.1.5 वैरिएंट से संक्रमितों में गंभीर रोग का भी खतरा देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस तरह के जोखिमों से सीख लेते हुए अन्य देशों को विशेष सावधानी और सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता है।
भारत में कोरोना संक्रमण के मामले
भारत के संदर्भ में बात करें तो यहां स्थिति फिलहाल काफी नियंत्रित दिख रही है। पिछले 24 घंटे में 214 नए लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार ने जांच और बचाव के उपायों को तेज कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में फिलहाल कोरोना के तीन वैरिएंट्स के मामले देखे जा रहे हैं, इन तीनों की संक्रामकता दर काफी अधिक है। इनमें से एक को अब तक का सबसे खतरनाक वैरिएंट भी माना जा रहा है।
आइए इन वैरिएंट्स की प्रकृति और संक्रामकता के बारे में आगे समझते हैं।
अमेरिका में तबाही मचाने वाले XBB.1.5 के सात मामले
अमेरिका में इन दिनों बढ़े संक्रमण के लगभग 80 फीसदी मामलों के लिए ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट XBB.1.5 को प्रमुख माना जा रहा है। भारत में भी इसके संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के अनुसार भारत में अब इस वैरिएंट से संक्रमितों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। दिसंबर में पहली बार गुजरात में इसके संक्रमित की पुष्टि हुई थी।जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज बताते हैं XBB.1.5 अपने फैमिली के अन्य के सदस्यों से अलग है क्योंकि इसमें एक अतिरिक्त म्यूटेशन देखा जा रहा है जो इसे कोशिकाओं से बेहतर ढंग से बाइंड करने में मददगार बनाता है। इसकी संक्रामकता दर काफी अधिक देखी जा रही है।
चीन की मुश्किलें बढ़ाने वाला BF.7 वैरिएंट
चीन में मची कोरोना की तबाही के लिए विशेषज्ञ ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BF.7 को प्रमुख कारक मान रहे हैं। भारत में भी इसके मामले बढ़ते देखे गए हैं। हाल ही में पश्चिम बंगाल में ओमिक्रॉन के इस सब-वैरिएंट के चार नए मामले सामने आए हैं। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि BF.7, ओमिक्रॉन के BA.5.2.1.7 सब-वैरिएंट का ही एक म्यूटेटेड रूप है, हालांकि इसके कुछ म्यूटेशन संक्रामकता और गंभीरता को बढ़ाने वाले देखे जा रहे हैं।BF.7 के रिप्रोडेक्शन रेट (R0) को लेकर विशेषज्ञ चिंता जताते रहे हैं। डेल्टा वैरिएंट के मामले में रिप्रोडेक्शन रेट जहां 5-6 के बीच देखा जा रहा था, वहीं BF.7 के मामले में यह बढ़कर 10-18 के करीब हो गया है। यानी एक संक्रमित व्यक्ति औसतन 10 से 18 अन्य लोगों को वायरस प्रसारित कर सकता है।
XBB वैरिएंट के भी केस
ओमिक्रॉन के XBB वैरिएंट को सबसे पहले भारत में देखा गया था, इन दिनों में भी देश के कुछ राज्यों में इससे संक्रमितों के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अध्यनकर्ताओं ने इसे अति-संक्रामक वैरिएंट के रूप में बताया है। यह BA.2.75 और BA.2.10.1 के पुनः संयोजन से उत्पन्न वैरिएंट है। इसकी संक्रामकता दर और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में गंभीर रोग के जोखिमों को लेकर विशेषज्ञ अलर्ट करते हैं।
कौन सा वैरिएंट ज्यादा खतरनाक?
भारत में कोरोना के जिन तीनों वैरिएंट्स के मामले देखे जा रहे हैं, उनकी प्रकृति अधिक संक्रामकता वाली है। हालांकि एक रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में COVID-19 की तकनीकी प्रमुख और महामारी विशेषज्ञ मारिया वैन केरखोव कहती हैं-
फिलहाल इन दिनों XBB.1.5 का वैश्विक खतरा बढ़ रहा है। यह ओमिक्रॉन का अब तक का ‘सबसे संक्रामक और खतरनाक रूप’ है। काफी कम समय में यह करीब 30 देशों में फैल गया है। सभी देशों को इस वैरिएंट की संक्रामकता का ध्यान रखते हुए बचाव को लेकर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह वैरिएंट वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
अध्ययनों में भी XBB.1.5 को पाया गया खतरनाक
जर्नल सेल में दिसंबर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, XBB अन्य प्रकारों की तुलना में टीकाकरण और पूर्व संक्रमण से प्राप्त प्रतिरक्षा सुरक्षा से बचने में सफल हो रहा है। यही कारण है कि नया XBB.1.5 वैरिएंट भी अत्यधिक संक्रामकता वाला है। जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनमें यह गंभीर रोगों के जोखिमों को भी बढ़ाने वाला वैरिएंट है। इससे बचाव के लिए बूस्टर डोज की दर को तेज करने की आवश्यकता है।
वैक्सीनेशन हो चुका है, फिर भी न बरतें लापरवाही
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिस प्रकार से कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट्स के कारण हालात बिगड़ते देखे गए हैं उसे ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है। वैक्सीनेशन हो चुका है फिर भी लगातार सावधानी बरतें क्योंकि नए वैरिएंट्स प्रतिरक्षा को चकमा देने में सफल हो रहे हैं।
कोविड मामलों की बढ़ती संख्या और नए वैरिएंट के डर के बीच, कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करते रहना सबसे जरूरी है। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, बार-बार हाथ धोना, ये सभी वायरस के संक्रमण से बचाने में मदद करेंगे। बचाव को उपायों में बिल्कुल लापरवाही न बरतें।