नई दिल्ली: भारतीय सिनेमा के चाहने वाले इस वक्त आरआरआर (RRR) की जीत का जश्न मना रहे हैं। फिल्म के गाने नाटू नाटू ने बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में गोल्डन ग्लोब जीत लिया है। मगर, यह जीत 50 फीसदी रही, क्योंकि आरआरआर बेस्ट सॉन्ग के अलावा बेस्ट पिक्चर- नॉन इंग्लिश लैंग्वेज कैटेगरी में भी नॉमिनेटेड थी।
दूसरी कैटेगरी में आरआरआर अर्जेंटीना की फिल्म ‘अर्जेंटीना 1985’ से हार गयी, जिसने बेस्ट फिल्म- नॉन इंग्लिश लैंग्वेज का पुरस्कार अपने नाम किया। मगर, कहानी यहीं खत्म नहीं होती, पिक्चर अभी बाकी है… क्योंकि गोल्डन ग्लोब में आरआरआर को हराने वाली ‘अर्जेंटीना 1985’ अब ऑस्कर अवॉर्ड्स में भारतीय फिल्म ‘छेलो शो’ से भिड़ेगी।
Oscar Nominations के लिए होगी फाइट
दोनों फिल्में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी के तहत ऑस्कर की कंटेंशन लिस्ट में दाखिल हो चुकी हैं और अब इस श्रेणी में नॉमिनेशन के लिए फाइट करेंगी। अगर ये फिल्में नॉमिनेशंस की लिस्ट में भी जगह बना लेती हैं तो फिर ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए मुकाबला करेंगी। कंटेंशन लिस्ट में आरआरआर भी है, मगर वो बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में शॉर्ट लिस्ट की गयी है। ऑस्कर अवॉर्ड्स के नॉमिनेशंस 24 जनवरी को घोषित किया जाएंगे।
गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में अर्जेंटीना 1985 ने आरआरआर के अलावा आल क्वाइट ऑन द वेस्टर्न फ्रंट, क्लोज और डिसीजन टू लीव को पटखनी दी।
अर्जेंटीना के इतिहास से निकली है फिल्म की कहानी
अर्जेंटीना 1985, पिछले साल सितम्बर में रिलीज हुई थी। अमेरिका में यह फिल्म अक्टूबर में सिनेमाघरों में उतारी गयी थी। सेंटिएगो मितरे निर्देशित अर्जेंटीना 1985 हिस्टोरिकल ड्रामा फिल्म है, जिसकी कहानी 1985 में हुई राजनीतिक घटनाओं पर बुनी गयी और केंद्र में मुख्य रूप से ट्रायल ऑफ द जुंटाज है।
ये ट्रायल अर्जेंटीना में तानाशाही के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने के लिए चलाये गये थे। अर्जेंटीना के राजनीतिक इतिहास की सबसे खूनी तानाशाही के जिम्मेदारों को सजा दिलाने के लिए दो वकीलों जूलियो सीजन स्ट्रेसेरा और लुइस मोरेनो ओकेम्पो ने दिन-रात एक कर दिया था। फिल्म में रिकार्डो डैरिन, पीटर लनजानी, एलेजेंड्रा फ्लेचनर और नॉर्मन ब्रिस्की ने मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं। इस फिल्म का निर्माण अमेजन स्टूडियोज ने किया था। फिल्म प्राइम वीडियो पर हिंदी में भी देखी जा सकती है।