नई दिल्ली। गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक जाना-माना नाम है। वह भारत के दो विश्व कप खिताब का प्रमुख हिस्सा रहे हैं। गंभीर 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप में भारत के टॉप स्कोरर रहे हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने करियर में कई बार बुरा समय देखा, लेकिन बचपन का एक किस्सा ऐसा है, जिसने उन्हें काफी निराश किया था और वो फूट-फूटकर रोए थे।
भारत के लिए इतिहास के सबसे खराब विश्व कप में से एक था 1992 एडिशन। भारतीय टीम सातवें स्थान पर रही थी और राउंड रॉबिन चरण में उसका सफर समाप्त हो गया था। भारतीय टीम ने 8 में से केवल दो मैच जीते थे। भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों करीबी मुकाबले में 1 रन से शिकस्त मिली थी। इस हार ने युवा गौतम गंभीर को खूब रुलाया था।
पूर्व भारतीय ओपनर ने खुलासा किया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करीबी अंतर की हार ने केवल एक बार उन्हें क्रिकेट के लिए रुलाया था जबकि 2011 विश्व कप जीत के बाद उनकी आंखों से एक आंसू भी नहीं निकला था। गंभीर ने कहा, ‘मुझे याद है कि ऑस्ट्रेलिया में विश्व कप चल रहा था जब भारत को कंगारुओं के हाथों 1 रन की शिकस्त मिली थी।’
गंभीर ने आगे कहा, ‘मुझे याद है कि सिर्फ एक बार मैं क्रिकेट के कारण रोया था। संभवत: इसलिए रोया था क्योंकि भारत केवल एक रन के अंतर से मैच हारा था। इसके बाद मैं कभी नहीं रोया। विश्व कप जीतने के बाद भी नहीं रोया।’ बता दें कि 1992 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करके 237/9 का स्कोर बनाया था। डीन जोंस ने 108 गेंदों में 90 रन की पारी खेली थी। भारत की तरफ से मनोज प्रभाकर और कपिल देव ने तीन-तीन विकेट लिए थे। बारिश के कारण यह मुकाबला 47 ओवर का खेला गया था।
जवाब में भारतीय टीम को कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 93 रन की पारी खेलकर जीत का दावेदार बनाया था। हालांकि, भारतीय पारी बिखरी और वेंकटपति राजू आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज रहे थे। वो रन आउट हुए थे और भारत जीत दर्ज करने से केवल 1 रन से चूक गया था।