जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों ने ही एक पूर्व सेल्समैन की हत्या की थी। वारदात के 5 दिन बाद माओवादिओं की पामेड़ एरिया कमेटी ने पर्चा जारी कर हत्या की जिम्मेदारी ली है। माओवादियों ने कहा कि, युवक पुलिस का मुखबिर था। कई बार जनअदालत में इसे समझाया गया था कि, पुलिस का साथ न दे। लेकिन माना नहीं। जिसके बाद PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) ने उसे मौत की सजा दे दी। मामला उसूर थाना क्षेत्र का है।
माओवादियों का कहना है कि, पूर्व सेल्समैन राममूर्ति गटपल्ली उसूर का ही रहने वाला था। यह पुलिस के साथ मिला हुआ था। इलाके के कुछ लोग DRG में हैं। जिनसे ये लगातार संपर्क में रहता था। माओवादियों ने कहा कि, हाल ही में पुलिस ने पोलमपल्ली के जंगल में एक साथी को मारा था। इसकी सूचना भी राममूर्ति ने पुलिस को दी थी।।जिसके बाद वह अपने परिवार के साथ घर छोड़कर आवापल्ली में भाग गया था। कभी आवापल्ली तो कभी उसूर में छिपकर रहता था।
माओवादियों ने कहा कि, जंगल में वनोपज लेने गए या फिर धान बेचने जाने वाले लोगों को नक्सली है कहकर पुलिस से पकड़वाया था। इसी की वजह से कई लोग जेल भी गए। यही नहीं बल्कि पंचायत के नाम पर सोसायटी खोला और पंचायत के नाम से आने वाले राशन को ब्लैक में बेच कर लाखों रुपए कमाया था। हर साल तेलंगाना से अवैध परिवहन कर सैकड़ों क्विंटल धान भेजता था। आसपास के लोगों से सस्ते में धान खरीद कर लाखों रुपए कमाता था। जनता का लाखों रुपए लूटने वाला भ्रष्टाचारी था। इसलिए इसे मौत की सजा दी गई है।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
कुछ दिन पहले राममूर्ति धान बेचने के लिए उसूर के धान खरीदी केंद्र गया था। यहां खरीदी केंद्र खुलते ही धान की बोरियों का नाप-तौल किया जा रहा था। खरीदी केंद्र में करीब 10 से ज्यादा किसान मौजूद थे। इस बीच जंगल के रास्ते ग्रामीण वेशभूषा में 3-4 माओवादी पहुंचे। जिन्होंने राममूर्ति की पहले पिटाई की। फिर टंगिया और चाकू से सिर समेत शरीर के अन्य जगहों पर वारकर मार दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी मौके से फरार हो गए। जिसके बाद यहां मौजूद लोगों ने इस वारदात की सूचना पुलिस को दी थी।