नई दिल्ली। इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए कैबिनेट ने अतरिक्त ईवीएम मशीन के लिए 1,300 करोड़ से अधिक की राशि को मंजूरी दे दी है। इन मशीनों के लिए कानून मंत्रालय ने प्रस्ताव भेजा था। भारत इलेक्ट्रानिक्स आफ इंडिया और इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड से ये मशीने मंगवाई जाएंगी। बता दें कि ये ईवीएम वर्तमान मशीनों की तरह ही होंगी। ईवीएम के प्रयोग की शुरुआत से ही ये दोनों कंपनियां इनका निर्माण कर रही हैं।
देश में मतदाताओं की लगातार बढ़ती संख्या और मतदान केंद्र के बढ़ने के बाद से ही इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। ऐसी मशीनें जो पुरानी या खराब हो चुकी हैं उन्हें भी बदलने की जरूरत महसूस की जा रही थी। अतिरिक्त मशीनें खरीदने के लिए 1300 करोड़ रुपये मुहैया कराई जाएगी। वर्ष 2004 से अब तक चार लोकसभा और 139 विधानसभा चुनावों में ईवीएम का प्रयोग किया जा चुका है।
वहीं, चुनाव में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए वर्ष 2019 से पांच मतदान केंद्र पर वीवीपैट मशीन भी लगाई जा रही हैं। इसमें मतदान के बाद मशीन से निकलने वाली स्लिप से भी मत का मिलान किया जाता है, जिससे किसी भी तरह की गलती की गुंजाइश न रह जाए।
ओबीसी के उपवर्गीकरण की जांच के लिए गठित आयोग को 13वां विस्तार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उपवर्गीकरण के लिए गठित आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। मंत्रिमंडल की ओर से आयोग को जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने के लिए 13वां विस्तार दिया गया है।रोहिणी कमीशन ने सरकार से कहा था कि उप वर्गीकरण के लिए कार्यसूची रिपोर्ट तैयार है, लेकिन केंद्रीय सूची में शामिल समुदायों की सूची का अध्ययन करने के लिए अभी और समय की जरूरत है। पांच सदस्यीय आयोग का गठन जस्टिस (सेवानिवृत्त) जी रोहणी के नेतृत्व में 2017 में किया गया था।