छत्तीसगढ़

अशोक गहलोत ने कोरोना से की सचिन पायलट की तुलना, पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आमने-सामने हैं दोनो नेता

जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर खींचतान चरम पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भर्ती परीक्षा के पर्चे लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आमने-सामने हैं। अधिकारियों के बजाय कांग्रेस कार्यकर्ता को सत्ता में भागीदारी देने के मुद्दे को उठाने के साथ ही पायलट ने सवाल किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के घोटालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। उधर, गहलोत ने बिना नाम लिए पायलट की तुलना कोरोना से की है।

पायलट किसान सम्मेलनों के माध्यम से अपने समर्थकों को एकजुट करते हुए पार्टी आलाकमान को ताकत दिखा रहे हैं। वहीं, सीएम गहलोत सत्ता और संगठन में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं। पायलट ने अब तक चार दिन में चार अलग-अलग जिलों में किसान सम्मेलनों को संबोधित किया है। किसान सम्मेलनों के माध्यम से पायलट अलग-अलग मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं। गुरुवार को पाली के सादड़ी में हुए किसान सम्मेलन में उन्होंने सरकार पर सवाल उठाए।

पायलट ने कहा कि सरकार बने चार साल हो गए, वसुंधरा राजे के जिन घोटालों पर हमने आरोप लगाए, जिनके प्रमाण हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करते? केंद्र की सरकार गांधी परिवार को बेवजह परेशान कर रही है। राजस्थान में हमारी सरकार तत्कालीन भाजपा सरकार के घोटालों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती? गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि विपक्ष में हमने पांच साल कड़ी मेहनत करके सरकार बनाई है। हमने तत्कालीन वसुंधरा सरकार को चुनौती दी थी कि भ्रष्टाचार और काले कारनामों को हम उजागर करेंगे, जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं

2018 में कांग्रेस की सरकार बन गई, लेकिन भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा राज में शराब घोटाले हुए, ललित मोदी विदेश में बैठे हैं। अगर भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को बेनकाब नहीं किया तो जनता हम पर विश्वास नहीं करेगी, जिनके खिलाफ प्रमाण हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पायलट ने कहा,जब पिछली बार कांग्रेस की सरकार बनी थी तो वसुंधरा राजे के कार्यकाल की जांच के लिए माथुर आयोग बनाया था, लेकिन दुर्भाग्य से आयोग भी कुछ नहीं कर सका।

खुद को मजबूत करने में जुटे गहलोत

उधर, पायलट के सक्रिय होते ही सीएम गहलोत भी खुद को मजबूत करने में जुट गए हैं। गहलोत खेमे के नेताओं ने विधायकों के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों एवं जिला स्तर के नेताओं से संपर्क साधना प्रारंभ कर दिया है। गहलोत ने अपने खेमे के नेताओं को ब्लाक अध्यक्ष पद पर पिछले एक सप्ताह में नियुक्तियां दिलवाई हैं। गहलोत शुक्रवार को प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा के साथ हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों के दौरे पर रहेंगे।

पायलट की तुलना कोरोना और संकट से

इस बीच कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत का गहलोत एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पायलट का नाम लिए बिना गहलोत ने सियासी संकट और पायलट की तुलना कोरोना से की है। कर्मचारी नेता भालू खान ने सीएम से मुलाकात नहीं होने की शिकायत की तो गहलोत ने कहा कि अब मैं मिलने लगा हूं। दरअसल, पहले कोरोना आ गया, फिर एक बड़ा कोरोना हमारी पार्टी के अंदर आ गया।