नई दिल्ली। भगोड़े अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम को भारत लाने की कोशिशें दशकों से हो रही हैं, लेकिन अब तक कामयाबी नहीं मिल सकी है। बताया जाता है कि दाऊद पाकिस्तान में छिपा बैठा है। वर्ष 2001 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ से कहा था कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकी दाऊद को भारत के हवाले करें। मुशर्रफ आगरा शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आए थे। इस दौरान आडवाणी ने मुशर्रफ से मुलाकात की थी।
उड़ गया था मुशर्रफ के चेहरे का रंग
आडवाणी ने 2011 में एक ब्लागपोस्ट में याद किया था कि दाऊद को लेकर असहज सवाल पूछे जाने से मुशर्रफ बैचैन हो गए थे। अचानक उनका व्यवहार बदल गया। दाऊद का नाम सुनकर मुशर्रफ के चेहरे का रंग उड़ गया था। वह अपनी बेचैनी को बड़ी मुश्किल से छिपा पा रहे थे।
आडवाणी ने ब्लाग में लिखा था, मुशर्रफ की बेचैनी स्पष्ट थी, उन्होंने जवाब दिया मैं आपको बता दूं कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में नहीं है। लेकिन बाद में बैठक के दौरान मौजूद पाकिस्तानी अधिकारियों में से एक ने मुझसे कहा, हमारे राष्ट्रपति ने उस दिन दाऊद इब्राहिम के बारे में जो कहा वह एक सफेद झूठ था। घटनाक्रम का जिक्र करते हुए आडवाणी ने कहा था कि मुशर्रफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यर्पण संधि के उनके सुझाव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी।
मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपित है दाऊद
आडवाणी ने तब उनसे कहा था कि शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए 1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपित दाऊद इब्राहिम को भारत को सौंप दें जो कराची में रहता है। ब्लाग में पूर्व गृहमंत्री आडवाणी ने यह भी बताया था कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन ने जब एबटाबाद के गैरीसन शहर में अपना ठिकाना बनाया उस समय मुशर्रफ का पाकिस्तान पर नियंत्रण था।