छत्तीसगढ़

मुशर्रफ अभिशाप थे, तो 2004 में उनसे हाथ किसने मिलाया था? भाजपा के आरोप पर थरूर का पलटवार

नईदिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के निधन पर अपने शोक संदेश को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर विवादों में घिर गए हैं। भाजपा नेताओं ने शशि थरूर पर दुश्मन की प्रशंसा करने का आरोप लगाया है। अब थरूर ने इस पर पलटवार किया है। थरूर ने वाजपेयी-मुशर्रफ के बीच हुई शांति वार्ता का हवाला देते हुए एक ट्वीट में कहा है कि अगर परवेज मुशर्रफ भारत के लिए अभिशाप थे, तो 2003 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उसके साथ युद्ध विराम पर बातचीत क्यों की और 2004 में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर क्यों किए?

दरअसल, परवेज मुशर्रफ के निधन पर शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा था कि मैं एक ऐसे भारत में पला-बढ़ा हूं, जहां लोगों से मरते वक्त उनसे प्यार से बात करने की उम्मीद की जाती है। मुशर्रफ भारत एक कट्टर दुश्मन थे और कारगिल के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन उन्होंने 2002 से 2007 के बीच भारत के साथ शांति के लिए काम किया। वह कोई मित्र नहीं थे, लेकिन उसने शांति में रणनीतिक लाभ देखा, जैसा कि हमने किया।

दुश्मन के साथ हाथ से हाथ जोड़ो अभियान 
थरूर के इस ट्वीट के बाद भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूछा कि क्या यह दुश्मनों के साथ हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का हिस्सा है? उन्होंने आगे कहा, सबसे पहले एक कांग्रेसी पार्टी का नेता पुलवामा में हमारे सैनिकों की बहादुरी पर संदेह जताता है और अब दूसरा परवेज मुशर्रफ की प्रशंसा करता है, जो करगिल युद्ध के लिए जिम्मेदार था। इसके बाद भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, राजीव चंद्रशेखर व अन्य नेताओं ने थरूर पर निशाना साधा। 

मुझे इतिहास सिखाने की जरूरत नहीं-थरूर
उधर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बयान पर थरूर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, उन्हें मुझे इतिहास के बारे में सिखाने की जरूरत नहीं है। भाजपा सरकार ने करगिल युद्ध के चार साल बाद पाकिस्तान के साथ शांति बहाल के लिए बातचीत की थी। 2004 में वाजपेयी-मुशर्रफ ने हाथ मिलाकर एक संयुक्त बयान भी जारी किया। वे(मुशर्रफ) हमारे बहुत बड़े दुश्मनों में से थे, लेकिन उसके बाद करीब चार वर्ष के तक उन्होंने भारत के साथ समाधान के लिए कई कोशिशें की। इसलिए मैंने यह सब याद रखा, जब किसी का देहांत होता है तो हम उसकी बुरी और अच्छी सारी चीजें याद रखते हैं। इसे विवाद बनाना यह दर्शाता है कि भाजपा के पास कोई और मुद्दा नहीं है।