नईदिल्ली I राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल को वर्तमान बजट सत्र के बाकी दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। उनपर सदन की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग करने का आरोप लगा है। वहीं इस मामले पर सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि रजनी अशोकराव पाटिल सदन में कार्यवाही की रिकॉर्डिंग करती हुई पाई गई हैं। यह मामला गंभीर है। सार्वजनिक क्षेत्र में आज, ट्विटर पर, इस सदन की कार्यवाही से संबंधित एक वीडियो का प्रसार किया गया। मैंने इसे गंभीरता से लिया और वह सब किया जो जरूरी था। सिद्धांत के तौर पर और संसद की शुचिता बनाए रखने के लिए किसी बाहरी एजेंसी की भागीदारी की मांग नहीं की जा सकती।
विशेषाधिकार समिति करेगी जांच: धनखड़
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि विशेषाधिकार समिति द्वारा पूरे मामले की जांच की जाएगी और जब तक हमें इस सम्मानित सदन के विचार के लिए विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट नहीं मिलती, तब तक डॉ. रजनी अशोकराव पाटिल को वर्तमान सत्र के लिए निलंबित कर दिया जाता है।
निलंबित राज्यसभा सांसद रजनी पटेल ने दी प्रतिक्रिया
इस मामले पर अब कांग्रेस सांसद रजनी पटेल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया लेकिन जब मैंने कुछ नहीं किया तब भी मुझे “फांसी की सजा” दी गई। मैं स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से आती हूं, और मेरी संस्कृति मुझे कानून का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देती है। पटेल ने आगे कहा कि हमने कल बार-बार पीएम मोदी के जवाब को रोका, इसलिए वे बौखलाए हुए हैं। यह उनका बनाया हुआ कार्यक्रम है।
यहां देखिए वीडियो कैसे सभापति धनखड़ ने लगाई फटकार
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जताई नाराजगी
राज्यसभा में नेता पीयूष गोयल ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आज एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। यह पाया गया है कि सोशल मीडिया पर हम इस प्रतिष्ठित सदन में रिकॉर्ड किए गए वीडियो देख रहे हैं जिसमें संसद के वरिष्ठ सदस्यों को अनधिकृत रूप से रिकॉर्ड किया जा रहा है। इसे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदर्शित और वितरित किया गया है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल के राज्यसभा से निलंबन पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जब उपराष्ट्रपति सदन में आदेश दे रहे थे तब भी उन पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस के एक नेता ने आक्रामक रूप दर्शाया। आज जो दिशा उपराष्ट्रपति ने दिया वे संकेत है कि सदन की गरीमा राष्ट्र की गरिमा है। उन्होंने कहा कि किसी विशेष लिंग को कानून का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है। यहां कानून का उल्लंघन हुआ, नियमों का उल्लंघन हुआ और कांग्रेस ने सदन में इसे स्वीकार भी किया।