तेहरान : ईरान में पिछले साल से हिजाब विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं। ‘गलत तरीके से हिजाब’ पहनने के चलते गिरफ्तार की गई एक महिला की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरे मुल्क में दंगे हो रहे हैं। अब तक इसमें कई लोग मारे जा चुके हैं। महिलाएं विरोध दर्ज कराने के लिए हिजाब जला रही हैं और अपने बाल काट रही हैं। इस बीच ईरान के एक मौलवी ने प्रशासन से मांग की है कि वे हर महिला का हिजाब पहनना सुनिश्चित करें, इससे पहले वे गर्मियों में ‘बिना कपड़ों के’ घूमने लगें।
ऐसी अजीबोगरीब मांग करने वाले मौलवी का नाम मोहम्मद नबी मूसाविफर्ड है। उसका कहना है कि सरकार को हिजाब कानून को लागू करने में पीछे नहीं हटना चाहिए। ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार मौलवी ने कहा, ‘हमें अपने धार्मिक मूल्यों का संरक्षण करना होगा, भले इसके लिए हमें कई बार अदालत जाना पड़े। मौलवी ने कहा कि लोगों और समाज सेवा करने वालों को बिना हिजाब वाले लोगों के लिए काम नहीं करना चाहिए।
मौलवी का विवादित बयान
उन्होंने कहा कि लोगों को गलत तरीके से हिजाब पहनने वाली महिलाओं को चेतावनी देनी चाहिए और उदासीन नहीं रहना चाहिए। नहीं तो, वे गर्मियों में बिना कपड़ों के सड़कों पर आ जाएंगी। ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्हें ‘गलत तरीके से हिजाब पहनने’ के लिए गिरफ्तार किया गया था। अमीनी के समर्थन में कई महिलाओं ने अपने हिजाब त्याग दिए हैं और रूढ़िवादी नियमों को खुलकर तोड़ रही हैं।
हिजाब न पहनने की वजह से नहीं हो रही बारिश?
पिछले महीने एक ईरानी इमाम ने देश में बारिश की कमी के लिए हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को दोषी ठहराया था, जिसकी वजह से ईरान में जल संकट खड़ा हो गया है। ईरान के सुप्रीम लीडर के करीबी मोहम्मद-मेहदी हुसैनी हमदानी ने कहा था कि हिजाब पहनने के नियमों को तोड़कर महिलाओं ने ‘देश भर में बारिश की कमी पैदा कर दी है।’ इमाम ने कहा कि जो लोग हिजाब नहीं पहनते हैं, उन्हें सजा दी जानी चाहिए।