नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट शुरू होगा। यह टेस्ट भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के लिए स्पेशल होगा, जो अपने करियर का 100वां मैच खेलेंगे। 35 साल के पुजारा अपनी उम्र को लेकर चिंतित नहीं हैं और एक समय पर एक मैच पर ध्यान दे रहे हैं।
पुजारा ने कहा, ‘मैंने अपने लिए कोई लक्ष्य नहीं बनाया है। मैं वर्तमान में रहना चाहता हूं। मैं एक समय पर एक टेस्ट मैच पर ध्यान दे रहा हूं। मैं इस बारे में नहीं सोचता हूं कि कितने लंबे समय तक खेलूंगा। खेल का आनंद उठाना जरूरी है। यह जरूरी है कि आप अपने खेल में शीर्ष पर रहे और जब आप योगदान नहीं दे पा रहे हो या अपनी क्षमता के मुताबिक नहीं खेल पा रहे हो तो आप अगले कदम के बारे में सोच सकते हैं। मैं बस 35 साल का हुआ हूं और अभी कुछ समय बाकी है।’
चेतेश्वर पुजारा 100 टेस्ट खेलने वाले भारत के 13वें खिलाड़ी बनेंगे। उन्होंने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया और कड़ी मेहनत से लंबे प्रारूप में टीम में अपनी जगह पक्की की। अपने 100वें टेस्ट के बारे में बात करते हुए पुजारा ने कहा, ‘हां, यह मेरा 100वां टेस्ट मैच होगा, लेकिन इसके बाद दो और टेस्ट है, जो डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने के लिए हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।’ पुजारा ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट में तरक्की के लिए अनुशासन होना जरूरी है क्योंकि इसमें चरित्र, धैर्य और सुधार का परीक्षण होता है।
पुजारा ने कहा, ‘आपके चरित्र, सुधार, धैर्य और व्यक्ति के रूप में परीक्षण होता है। आप मैदान के बाहर कैसा बर्ताव करते हैं, यह मायने रखता है। इसका प्रभाव मैदान में आपके ऊपर होता है। अगर आप टेस्ट क्रिकेट में अनुशासन नहीं रखेंगे तो आपको इसके नतीजे मैदान पर देखने को मिलेंगे। यही वजह है कि टेस्ट क्रिकेट विशेष है।’ बता दें कि भारतीय टीम ने नागपुर टेस्ट एक पारी और 132 रन के अंतर से जीतकर चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।
भारतीय टीम के लिए डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने के लिहाज से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी महत्वपूर्ण है। भारतीय टीम को अगर डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचना है तो उसे ऑस्ट्रेलिया को 3-0 से हराना होगा। भारतीय टीम को अगले तीन में से दो टेस्ट जीतना जरूरी है।