छत्तीसगढ़

मेरा मन हुआ कि मैं समंदर में शिवनारायण चंद्रपॉल का किट बैग फेंक दूं, जानिए हरभजन सिंह ने क्यों कही थी यह बात?

नईदिल्ली : टेस्ट फॉर्मेट में वेस्टइंडीज टीम के पूर्व महान खिलाड़ी शिवनारायण चंद्रपॉल की गिनती ऐसी बल्लेबाजों में की जाती थी जो पूरे दिन बड़ी ही आसानी से बल्लेबाजी करते हुए दिखाई देते थे.क्रिकेट मैदान में कई बार ऐसा देखने को मिला है जब कोई किसी एक खिलाड़ी के प्रदर्शन की वजह से विपक्षी गेंदबाजों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा है. ऐसा ही साल 2002 में भारतीय टीम के वेस्टइंडीज दौरे के दौरान देखने को मिला था जब शिवनारायण चंद्रपॉल का विकेट उस दौरे पर टीम के गेंदबाजों के लिए हासिल करना किसी अग्निपरीक्षा से कम साबित नहीं हुआ था.

इसी घटना का जिक्र करते हुए पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर और उस दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा रहने वाले हरभजन सिंह ने यह खुलासा किया कि जब एक मैच के बाद वह चंद्रपॉल के साथ फ्लाइट में थे तो उनके मन में आया था कि वह उनका किट बैग उसी समय समंदर में फेंक दें.

शिवनारायण चंद्रपॉल की गिनती वर्ल्ड क्रिकेट के ऐसे बल्लेबाजों में की जाती है जो गेंदबाजों के पूरी तरह से थका देने का काम करते थे और उन्हें लंबी बल्लेबाजी करना पसंद था. साल 2002 के दौरे पर चंद्रपॉल ने भारत के खिलाफ 140.50 के औसत से कुल 562 रन बनाए थे. इस दौरान 7 पारी में से 3 पारियों में वह नाबाद ही पवेलियन लौटे थे.

इस दौरे पर बीच में ऐसा मौका आया, जब शिवनारायण चंद्रपॉल को 1051 गेंद तक कोई भी भारतीय गेंदबाज उन्हें पवेलियन भेजने में कामयाब नहीं हो सका था. चंद्रपॉल के बल्ले से इस दौरे पर 3 शतकीय और 3 अर्धशतकीय पारियां देखने को मिली थी.

भारत के खिलाफ टेस्ट फॉर्मेट में शिवनारायण चंद्रपॉल का रिकॉर्ड हमेशा शानदार देखने को मिला है. अपने अजीबोगरीब तरीके से विकेट पर खड़े होने के लिए मशहूर चंद्रपॉल ने भारत के खिलाफ टेस्ट में 25 मुकाबले खेले हैं जिसमें उन्होंने 63.85 के औसत से 2171 रन बनाए हैं. इस दौरान 10 पारियों में चंद्रपॉल नाबाद पवेलियन भी लौटे हैं.