नई दिल्ली। कांग्रेस ने राहुल गांधी की आलोचना को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर कड़ी टिप्पणी की है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के सभापति को अम्पायर की भूमिका में होना चाहिए, वह किसी सत्तारूढ़ व्यवस्था का चीयरलीडर नहीं हो सकते हैं। कांग्रेस ने यह प्रतिक्रिया तब दी जब धनखड़ ने राहुल गांधी के संसद में विपक्ष का माइक बंद किए जाने के बयान की कड़ी आलोचना की।
बता दें कि धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की परोक्ष रूप से आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि विदेशी धरती से यह कहना मिथ्या प्रचार और देश का अपमान है कि भारतीय संसद में माइक बंद कर दिया जाता है।
जयराम रमेश ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप
जयराम रमेश के अनुसार, राहुल गांधी के बारे में उपराष्ट्रपति का बयान हैरान करने वाला है तथा उन्होंने सरकार का बचाव किया जो निराशाजनक है। राहुल गांधी पर उपराष्ट्रपति का बयान चौंकाने वाला है, क्योंकि भारत के उपराष्ट्रपति का कार्यालय संविधान से बंधा होता है और वह राज्यसभा के सभापति के रूप में अपनी अतिरिक्त जिम्मेदारियां निभाते हैं। लेकिन यहां कई कार्यालय ऐसे हैं जिन्हें अपने दुराग्रह छोड़ने चाहिए। इसके अलावा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि मोदी सरकार देश के खाद्यान्न की सारी रसद अदाणी समूह को सौंप देना चाहती है।
इस साजिश को किसानों के आंदोलन के चलते कुछ समय के लिए नाकाम कर दिया गया। चूंकि सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े थे। ‘हम अदाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल पूछते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अहमदाबाद में भारत-आस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट टेस्ट मैच का जिक्र करते हुए कहा कि अपने जीवनकाल में अपने ही नाम पर बनवाए स्टेडियम में सम्मानित होने पर इन सवालों को पूछने का उचित समय है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कठोर श्रम से भारत के खाद्यान्न रसद को अदाणी समूह को सौंपने की साजिश है।
देश के कृषि ढांचे को अदाणी समूह के हवाले करना था मकसद
सरकार के कृषि के काले कानून वापस लेने से यह साजिश कुछ समय के लिए टल गई है। उन्होंने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि उपभोक्ता मामले और खाद्यान्न वितरण मंत्रालय सीडब्ल्यूसी के पक्ष में हैं जबकि वाणिज्य और कानून मंत्रालय मुंद्रा पोर्ट के पास स्थित दो प्रमुख सीडब्ल्यूसी वेयरहाउसों को अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं। रमेश ने आरोप लगाया कि पूरे देश को पता है कि काले कृषि कानूनों को लाने का मकसद देश के कृषि ढांचे को अदाणी समूह के हवाले करना था।
धनखड़ पर समिति की नियुक्तियों में सलाह नहीं लेने का आरोप
उप राष्ट्रपति धनखड़ की टिप्पणी पर ट्वीट करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के सभापति का यह कहना कि उन्होंने विभिन्न समितियों से जुड़ी नियुक्तियों का फैसला संबंधित अध्यक्षों से विचार-विमर्श करने के बाद लिया था, गलत है। मैं भी एक स्थायी समिति का अध्यक्ष हूं और मुझसे कतई सलाह नहीं ली गई थी।
जयराम रमेश का धनखड़ पर समिति की नियुक्तियों में सलाह नहीं लेने का आरोप कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसदीय समिति का अध्यक्ष होने के बावजूद राज्यसभा सचिवालय में समिति से जुड़ी नियुक्तियों में उनसे कोई सलाह नहीं ली गई थी। कांग्रेस महासचिव का यह बयान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के उस बयान के बाद आया जिसमें बीस समितियों के पसर्नल स्टाफके आठ सदस्यों की नियुक्ति में लिए अपने फैसले का बचाव किया था।