नईदिल्ली : अधिकांश लोगों का कोरोना वायरस से बचाव के तौर पर लगभग टीकाकरण हो चुका है। लोग इससे विकसित हुई प्रतिरोधक क्षमता के बल पर कोरोना को हराने में कामयाब हो पाए। कोरोना के लौटने के करीब दो वर्ष बाद एक नए वायरस का आगमन हो चुका है जिसका नाम एच3एन2 है। इससे फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। इस बीच कोरोना वैक्सीन लगवा चुके बहुत से लोगों का मानना है कि अब उन पर किसी भी वायरस का असर नहीं होगा। ऐसे में वह बेपरवाह होकर घूम रहे हैं। इससे एच3एन2 के प्रसार का डर स्वास्थ्य विभाग के लोगों को सता रहा है।
इस नए वायरस से संक्रमित होने पर रोगी में फ्लू जैसे लक्षण जैसे खांसी जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द आदि देखने को मिल रहे हैं, जो अधिकतम करीब तीन सप्ताह तक बने रह सकते हैं। यह संक्रमण कोरोना की तरह ही फैलता है और इसके लक्षण भी कोरोना से मिलते जुलते हैं। यही कारण है कि लोग मानकर बैठे हैं कि उनका तो टीकाकरण हो चुका है और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस सोच के कारण लोग ना तो सुरक्षा उपायों के तौर पर मास्क का उपयोग कर रहे न शारीरिक दूरी का।
लोगों के इस भ्रम को दूर करने के लिए फिलहाल न तो नागरिक अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से कोई पहल हुई और ना हीं राज्य सरकार कुछ करती नजर आ रही है। इस भ्रामक जानकारी के कारण ही लोग जाने अनजाने एच3एन2 वायरस के प्रसार में सहायक साबित हो रहे हैं। इस लापरवाही के कारण पिछले दो सप्ताह से नागरिक अस्पताल में 300 से 400 मरीज रोजाना आ रहे हैं।
सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में बिना मास्क के बेपरवाह हो कर घूम रहे लोकेश बताते हैं कि वह दोनों कोरोना टीके समय से लगवा चुके हैं। इसलिए उन्हें अब खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण वाले किसी भी तरह के वायरस से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसा ही उनके साथ बैठे जय और कृष्ण कुमार भी मानते हैं।