छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : भूकंप के झटके हुए महसूस, घरों से बाहर निकले लोग, दीवारों में आई दरारें,देखें वीडियो

सूरजपुर/ अंबिकापुर।प्रदेश के कुछ जिलों में शुक्रवार सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता दर्ज की गई है। भूकंप का केंद्र मध्यप्रदेश के ग्वालियर के दक्षिण-पूर्व में 28 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था। छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में झटके ज्यादा महसूस किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए। - Dainik Bhaskar

छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए।

सरगुजा संभाग में सबसे ज्यादा भूकंप का असर देखने को मिला है। अंबिकापुर, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर में झटके महसूस किए गए। यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि काफी देर तक उन्होंने झटके महसूस किए। डर की वजह से लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि किसी तरह के नुकसान की खबर अब तक नहीं है। अंबिकापुर में कॉलेज के छात्र भी फौरन क्लास से बाहर निकल गए हैं।

मौसम वैज्ञानिक अक्षय भट्ट ने बताया कि 4.0 तीव्रता के भूकंप से ज्यादा नुकसान तो नहीं होता है। लेकिन कच्चे मकानों में दरारें आ सकती हैं। भूकंप का केंद्र ग्वालियर के बंसी सलैया नाम की जगह के पास है।

भूकंप वेधशाला बिलासपुर के राहुल यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों के साथ ही उत्तरप्रदेश के आगरा सहित कुछ जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। कम तीव्रता का भूकंप होने के कारण छत्तीसगढ़ में जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।

इससे पहले बस्तर सांसद दीपक बैज का भी वीडियो 2 दिन पहले वायरल हुआ था। जहां दिल्ली-NCR में आए भूकंप के झटकों के कारण वे 7वीं मंजिल से सीढ़ियों से दौड़ते हुए नीचे उतरते दिखाई दिए थे। दिल्ली-NCR में 21 मार्च रात करीब 10 बजकर 17 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 रही।

बस्तर सांसद दीपक बैज भूकंप आने पर अपने दिल्ली के गोमती अपार्टमेंट के सरकारी फ्लैट से नीचे उतर आए।

बस्तर सांसद दीपक बैज भूकंप आने पर अपने दिल्ली के गोमती अपार्टमेंट के सरकारी फ्लैट से नीचे उतर आए।

भूकंप आने पर क्या करें

  • अगर आप घर के अंदर हों, तो जमीन पर झुक जाएं। किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे बैठ जाएं। इसे तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें, जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं।
  • अगर कोई मेज या डेस्क न हो, तो अपने चेहरे और सिर को अपने बाजुओं से ढंक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुककर बैठ जाएं। पलंग के नीचे भी बैठ सकते हैं।
  • खिड़कियों, दरवाजे, शीशे, दीवारों या फिर ऐसी कोई भी चीज जो गिर सकती हो, उससे दूर रहें।
  • आप भूकंप आने पर अगर घर में हैं, तो घर में ही रहें, क्योंकि अधिकतर हादसे घर से निकलने के दौरान किसी चीज के गिरने से होते हैं।
  • किताबों की शेल्फ या अन्य गिरने वाली चीजों से दूर रहें। किचन में नहीं रुकें।
  • अगर आप घर के बाहर हों, तो जहां हों वहीं पर रहें। बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट और बिजली/टेलीफोन के तारों व खंभों से दूर रहें।
  • यदि आप किसी खुली जगह पर हों, तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। भूकंप से संबंधित अधिकतर हादसे दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच या गिरने वाले सामान के कारण होता है।
  • अगर आप गाड़ी के अंदर हों, तो जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें और गाड़ी में ही बैठे रहें। बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजली, टेलीफोन के तारों के पास या नीचे रुकने से बचें।
  • सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें और सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें, क्योंकि ये भूकंप से क्षतिग्रस्त हुए हो सकते हैं।
  • अगर आप भूकंप आने के बाद मलबे में दब जाते हैं, तो रोशनी के लिए माचिस नहीं जलाएं, क्योंकि हो सकता है वहां गैस पाइप या सिलेंडर भी क्षतिग्रस्त हुए हों। माचिस जलाने से उसमें आग लग सकती है।

भूकंप आने पर लिफ्ट का इस्तेमाल न करें

भूकंप के दौरान कभी भी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल भूकंप आने पर बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है, ऐसे में लिफ्ट रुक भी सकती है। अगर भूकंप अधिक तीव्रता वाला है, तो इससे लिफ्ट के नीचे गिरने की आशंका भी रहती है।

देखें वीडियो –