गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महिलाओं के लिए एक विधान, एक संविधान की मांग की है। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब हर धर्म की महिलाओं की तकलीफें एक हैं, तो कानून अलग-अलग क्यों हैं? मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वजह से महिला आयोग मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को नहीं सुन पाता है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि, कोरोना काल के बाद छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल से महिलाओं व बच्चियों की तस्करी बढ़ गई है। इसे देखते हुए पहली बार आयोग ने एंटी ट्रैफिकिंग सेल बनाया है।
महिलाओं से संबंधित सभी कानून एक जैसे होने चाहिए
छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में शनिवार को हुए आदिवासी जागरूकता महिला सम्मेलन में शामिल होने पहुंची NCW की अध्यक्ष रेखा आर्या ने कहा कि, महिलाओं से संबंधित सभी कानून एक जैसे होने चाहिए। महिलाएं चाहे किसी भी धर्म की हों, सभी की तकलीफ एक जैसी है। जब हमारी तकलीफ एक है, तो कानून अलग-अलग क्यों हैं। उन्होंने कहा कि, यह बात सरकार के संज्ञान में भी लाए हैं और अलग-अलग फोरम में भी उठाते रहे हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं की समस्याएं उठाए जाने को लेकर रेखा आर्या से सवाल पूछा गया था।
NCW अध्यक्ष ने कहा कि, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल से महिलाओं व बच्चियों की तस्करी बढ़ी है। कोरोना काल के बाद जब लोगों की आय घटी है तो महिलाएं और बच्चियां बेची गईं। उन्होंने कहा कि, आदिवासी महिलाओं को शहरों में काम दिलाने के नाम पर ले जाया जाता है। वहां जब उन्हें काम नहीं मिलता तो उनके साथ गलत चीजें होती हैं। इससे बचने के लिए महिला आयोग ने एंटी ट्रैफिकिंग सेल बनाया है, जो पहले नहीं था। इसके साथ ही देशभर में वे जगह जिन्हें तस्करी का सोर्स कहा जाता है, वहां आयोग जल्द ही जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है।