कोरबा। जिले में बुधवार रात एक हाथी ने जमकर उत्पात मचाया। दल से बिछड़ा हाथी एक गांव में घुस आया और वहां बने मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। घरों में रखे सामानों को भी नुकसान पहुंचाया। हाथी ने खेत में खड़ी फसलों को रौंद डाला। सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद हाथी को जंगल की ओर खदेड़ दिया है। मामला कटघोरा वनमंडल के केदई रेंज का है।
वन विभाग की टीम ने जंगल में खदेड़ा
जानकारी के मुताबिक, दल से बिछड़कर एक हाथी बुधवार रात परला, लालमट्टा गांव पहुंच गया। जमकर उत्पात मचाते हुए कई ग्रामीणों की फसल रौंद दी। वहीं ग्रामीणों धरम सिंह और सुरेश के घर को ढहा दिया। मकान को तोड़ने के साथ ही वहां रखे घरेलू सामानों को भी तहस-नहस कर दिया। रात में हाथी के अचानक हुए इस हमले से ग्रामीण दहशत में आ गए और भगदड़ मच गई। सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथी को वहां से जंगल में खदेड़ दिया है।
नुकसान का सुबह आकलन किया गया
इसके बाद भी ग्रामीणों में डर कायम रहा। इस पर वन विभाग की टीम गांव में ही डटी रही। काफी देर बाद जब यह सुनिश्चित हुआ कि हाथी अब लौटकर नहीं आएगा तो वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मुख्यालय लौटे। इसके बाद अगले दिन गुरुवार सुबह फिर से वन विभाग के अधिकारी गांव में पहुंचे और नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की। कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में भी 21 हाथी गाड़ागोड़ा व बनिया के जंगल में विचरण कर रहे हैं। हाथियों का यह दल फिलहाल शांत है।
कुदमुरा, पसान और धरमजयगढ़ क्षेत्र में भी हाथी मौजूद
कटघोरा वन मंडल के अलावा कोरबा के कुदमुरा रेंज में भी हाथियों ने धमक दे दी है। धरमजयगढ़ क्षेत्र से पहुंचे 15 हाथियों का दल अभी भी कलमीटिकरा के आसपास घूम रहा है। हाथियों के इस दल को स्थानीय जंगल में देखा गया। बालको वन परिक्षेत्र के दूधिटांगर व फुटका पहाड़ में भी 20 हाथियों की मौजूदगी बनी हुई है। बड़ी संख्या में हाथियों के विचरण करने से ग्रामीण दहशत में हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि काफी दिनों से क्षेत्र में हाथियों की उपस्थिति के बावजूद कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।