रायपुर। सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड के ग्राम कालामांजन के जंगल से रेस्क्यू कर नवा रायपुर के जंगल सफारी लाई गई बाघिन की स्थिति स्थिर बनी हुई है। उसे जंगल सफारी के वन्य प्राणी चिकित्सालय के आइसीयू में रखा गया है। तीन डाक्टरों की टीम दिन रात उसकी निगरानी कर रही है। चिकित्सकों के अनुसार जब उसे यहां लाया गया था तब हालत गंभीर थी। उसके बचने की पूर्ण संभावना है। हालांकि पूरी तरह स्वस्थ होने में वक्त लग सकता है। बाघिन सूप पी रही है। थोड़ा बहुत खाना भी खा रही है।
बाघिन के हमले में दो युवकों ने गंवाई जान
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघिन के सिर सहित शरीर में कई जगह गंभीर चोटें हैं। ज्ञात हो कि सरगुजा वन परिक्षेत्र के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से लगे कालामांजन के जंगल में लकड़ी लेने के लिए गए तीन युवकों पर पिछले सोमवार की सुबह बाघिन ने हमला किया था। हमले में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। एक युवक गंभीर रूप से घायल है। इस दौरान आत्मरक्षा के लिए युवकों ने बाघिन पर टंगिया से वार किया था। बाघिन के सिर में चार-पांच गहरी चोटें हैं।
तीन डाक्टरों की टीम की निगरानी में हो रहा उपचार
घायल बाघिन की उम्र करीब 4-5 वर्ष है। जंगल सफारी में वन्यप्राणी चिकित्सक डा. राकेश वर्मा के नेतृत्व में दो अन्य डाक्टर बाघिन का उपचार में जुटे हैं। निगरानी के लिए गार्ड तैनात किए गए हैं।
स्वस्थ होने पर जंगल में छोड़ने का लेंगे फैसला
फिलहाल अभी यह तय नहीं है कि स्वस्थ होने के बाद उसे वापस सूरजपुर के जंगल में छोड़ा जाएगा या बारनवापारा, गरियाबंद या बस्तर जिले के जंगल में। इस पर फैसला वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी लेगी।
नवा रायपुर जंगल सफारी के प्रबंधक एम मर्सीबेला ने कहा, घायल बाघिन की हालत अभी स्थिर बनी हुई है। तीन डाक्टरों की निगरानी में बाघिन का इलाज किया जा रहा है। बाघिन सूप पीने के साथ ही खाना भी खा रही है। जल्द से जल्द उसके पूरी तरह स्वस्थ होने की उम्मीद है।