छत्तीसगढ़

भारतीय कंपनी की आई ड्रॉप से आंखों की रोशनी जाने का आरोप, FDA ने किया उत्पादन में कमियों को लेकर खुलासा

वॉशिंगटन : भारतीय कंपनी ग्लोबल फार्मा की आई ड्रॉप से बीते दिनों अमेरिका में कई लोगों की आंखों में संक्रमण होने, कुछ लोगों की आंखों की रोशनी जाने और कुछ की मौत होने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। अब अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी कि एफडीए ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जिस प्लांट में आई ड्रॉप का निर्माण किया जा रहा था, वहां साफ-सफाई की स्थिति दयनीय थी और वहां पर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था।

क्या है एफडीए की रिपोर्ट में
एफडीए के अधिकारी बीती 20 फरवरी को भारत के तमिलनाडु में स्थित कंपनी ग्लोबल फार्मा के प्लांट जांच के लिए आए थे। अमेरिकी अधिकारी 2 मार्च तक भारत में रहे और प्लांट की गड़बड़ियों की जांच करते रहे। अब एफडीए के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि फार्मा कंपनी के प्लांट में इस्तेमाल होने वाली मशीनें और औजार गंदे थे और कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े भी साफ नहीं थे।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूरे प्लांट में साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब थी। कंपनी के लिखित दस्तावेज भी सही नहीं थे और कर्मचारियों की ट्रेनिंग में भी कई दिनों का अंतर था। कंपनी के रिकॉर्ड में इस बात का जिक्र नहीं था कि कर्मचारियों के कपड़े कितनी बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं। जिस जगह पर दवाईयों की पैकेजिंग की जा रही थी, उस जगह को भी तय मानकों के अनुसार साफ नहीं किया गया था और उस जगह को बैक्टीरिया मुक्त (Sterlize) नहीं किया गया था। रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि दवाई बनाने के लिए जिन तत्वों का इस्तेमाल किया जा रहा था, उनकी भी जांच नहीं की जा रही थी। एफडीए के अधिकारियों ने अपनी जांच में प्लांट को तय मानकों के अनुरूप नहीं पाया और उसे रिजेक्ट कर दिया।

आई ड्रॉप से कुछ लोगों की मौत के मामले आए थे सामने
एफडीए ने दावा किया था कि चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली एक आई ड्रॉप के इस्तेमाल से 55 लोगों को आंख में संक्रमण की समस्या हुई। संक्रमित लोगों में कुछ की आंखों की रोशनी चली गई तो आंख में रक्तस्त्राव हो जाने से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। इस आई ड्रॉप को अमेरिकी कंपनी डेलसम फार्मा और एज्रीकेयर द्वारा अपने ब्रांड नेम से अमेरिकी बाजार में बेचा जा रहा था। आंखों में सूखेपन और जलन से बचने के लिए इस आई ड्रॉप का इस्तेमाल किया जा रहा था। हालांकि विवाद के बाद कंपनी ने इस आई ड्रॉप को बाजार से वापस मंगा लिया था और लोगों से इसका इस्तेमाल ना करने की अपील की थी।