कांकेर। कांकेर जिले में ग्रामीणों को ठग कर उनके मेहनत की कमाई को लूटा जा रहा है। ठग कभी फर्जी कंपनी के नाम पर, कभी चिटफंड कंपनी के नाम पर तो कभी नौकरी दिलाने के नाम पर क्षेत्र के लोगों को ठग रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कांकेर जिले में आया है, यहाँ जिले के युवक-युवतियों को विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पति-पत्नी ने बंटी और बबली की तर्ज पर 21.50 लाख की ठगी की और फरार हो गए। नौकरी लगाने का फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र भी उनको दे दिया।
कोंडागांव जिले के बहीगांव निवासी दंपती द्वारा स्वयं को शासकीय कर्मचारी बताकर सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर कई युवाओं से 21.5 लाख रूपये की ठगी करने साथ ही फर्जी नियुक्ति पत्र थमाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पूरे मामले की शिकायत कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गयी है।
फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमाया गया
बहीगांव के करण कुमार अपने आपको डिप्टी रेंजर और अपनी पत्नी दुलेश्वरी को कलेक्टर में बाबू बताकर चपरासी के 175 पदों पर भर्ती निकलने तथा नौकरी दिलाने के नाम पर कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर, दुर्गूकोंदल और अंतागढ़ क्षेत्र भोले भाले लोगों को पहले अपने झांसे में लिया फिर बैंकों के माध्यम से लगभग बीस लाख रुपए की ठगी की। जिसमें भानुप्रतापपुर, दुर्गूकोंदल, अंतागढ़ क्षेत्र के प्रीतम पटेल, सुरेश सलाम, हेमलता, साधना हिचामी, उत्तम पटेल, भुवन कुमार प्रमुख रूप से शामिल हैं। ठगी का शिकार हुए युवकों को बकायदा पोस्ट ऑफिस के माध्यम से फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेजा गया। नियुक्ति पत्र को लेकर जब उन्होंने पोस्टिंग के जगह पर संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि यह नियुक्तिपत्र फर्जी है।
क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी फंसाया
युवाओं ने कलेक्टर एसपी से शिकायत पत्र में बताया है कि आरोपी अपने आप को कभी डिप्टी रेंजर तो कभी कृषि विभाग का बाबू तो कभी कलेक्टर कार्यालय का बाबू बताते थे। युवाओं को अलग अलग पदों में नौकरी का झांसा देकर उनसे किसी ना किसी माध्यम से संपर्क करते थे। उन लोगों ने जिले के अंतागढ़ निवासी सुरेश सलाम से 5 लाख, आंधेवाड़ा निवासी प्रीतम पटेल से 3 लाख, भैंसासुर निवासी हेमकला से 1.50 लाख चौगेल भानुप्रतापपुर निवासी साधना हिचामी से 2 लाख, आंधेवाड़ा निवासी उत्तम पटेल से 2.20 लाख और भानुप्रतापपुर निवासी भूवन भुवार्य से 8 लाख रूपए कुल 21 लाख 50 हजार की ठगी की है। युवकों ने पुलिस अधीक्षक कांकेर से मुलाकात कर अपना पैसा वापस दिलाने एवं करण कुमार एवं दिनेश्वरी पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। उक्त आशय का पत्र कलेक्टर कांकेर को भी सौंपा गया है।
अभी तक थाना में नहीं किया अपराध दर्ज
पीड़ित वन भुवार्य ने बताया कि आरोपियों ने उन लोगों से पैसे ले लिए और उनको 17 जनवरी 2023 तक नौकरी लगाने का वादा किया था जिसके कारण पीड़ित अपने साथ हुई ठगी का जिक्र किसी के साथ नहीं किए थे। उन लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया था, जिसमें एक तारीख लिखी हुई थी। उक्त तारीख को पीड़ित को संबधित विभाग में जाकर ज्वाईन करना था। पत्र लेकर जब वे लोग पहुंचते थे तो पता चलता था कि यह फर्जी प्रमाण पत्र है। किसी तरह से पैसे वापस मिलने की उम्मीद में अब तक पीड़ितों ने थाने में अपराध दर्ज नहीं कराया लेकिन अब उन दोनों का मोबाईल बंद हो गया है। जिसके कारण अब वे लोग पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर से शिकायत करने पहुंच गए। वहीं कांकेर टीआई शरद दुबे ने बताया कि पूरे मामले की जांच जारी है।