छत्तीसगढ़

क्या लोगों को मंगल ग्रह की सैर कराएंगे एलन मस्क? जानें सबसे शक्तिशाली रॉकेट स्टारशिप के बारे में

नईदिल्ली : दुनिया की दिग्गज अंतरिक्ष अन्वेषण कंपनी स्पेसएक्स एक नया कीर्तिमान रचने जा रही है। स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट सोमवार को अपनी पहली परीक्षण उड़ान भरने जा रहा है। यह अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है, जिसे अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा और मंगल और उससे आगे भेजने के लिए डिजाइन किया गया है।आइए जानते हैं स्टारशिप रॉकेट क्या है? इसके कितने चरण हैं? यह कब लांच होगा? लांच के बाद क्या होगा? रॉकेट के लांच से फायदा क्या होगा?

स्टारशिप रॉकेट क्या है?
स्पेसएक्स के स्टारशिप अंतरिक्ष यान और सुपर हेवी रॉकेट को सामूहिक रूप से स्टारशिप का नाम दिया गया है। स्टारशिप दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाला अंतरिक्ष यान है जो क्रू और कार्गो दोनों को पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह दुनिया का अब तक का सबसे शक्तिशाली लॉन्च वाहन होगा। रॉकेट की ऊंचाई 120 मीटर और व्यास 9 मीटर है, जबकि इसकी पेलोड क्षमता 100 से 150 टन है।

इसके कितने चरण हैं? 
सुपर हेवी: 
सुपर हेवी स्टारशिप लॉन्च सिस्टम का पहला चरण या बूस्टर है। सब-कूल्ड लिक्विड मीथेन (CH4) और लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) का उपयोग कर 33 रैप्टर इंजन द्वारा संचालित, सुपर हैवी पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल होने वाला रॉकेट है। यह पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करके लॉन्च साइट पर वापस उतर सकेगा। इसकी ऊंचाई 69 मीटर, व्यास 9 मीटर और प्रणोदक क्षमता 3,400 टन प्रति 7.5 एमएलबी है।

स्टारशिप: स्टारशिप अंतरिक्ष यान और स्टारशिप सिस्टम का दूसरा चरण है। यान में एकीकृत पेलोड सेक्शन है और चालक दल और कार्गो को पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे ले जाने में सक्षम है। स्टारशिप पृथ्वी पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में भी सक्षम है। इसके द्वारा एक घंटे या उससे भी कम समय में दुनिया में कहीं भी जाया जा सकता है।

स्टारशिप यान की ऊंचाई 50 मीटर, व्यास 9 मीटर और प्रणोदक क्षमता 1,200 टन प्रति 2.6 एमएलबी और पेलोड क्षमता 100 से 150 टन है।

रैप्टर इंजन: रैप्टर इंजन भी दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाला मीथेन-ऑक्सीजन चरणबद्ध-दहन इंजन है। यह स्टारशिप सिस्टम को शक्ति प्रदान करता है और इसकी थ्रस्ट क्षमता फाल्कन 9 मर्लिन इंजन की दोगुना है। स्टारशिप छह इंजनों, तीन रैप्टर इंजनों और तीन रैप्टर वैक्यूम (RVac) इंजनों द्वारा संचालित होगा, जिन्हें अंतरिक्ष के निर्वात में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है। सुपर हेवी को 33 रैप्टर इंजन द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसमें 13 केंद्र में और बाकी 20 बूस्टर के पिछले छोर की परिधि के आसपास होंगे। इसका व्यास 1.3 मीटर है जबकि ऊंचाई 3.1 मीटर है।

स्टारशिप सिस्टम कब लांच होगा?
विशालकाय रॉकेट को अमेरिकी राज्य टेक्सास के बोका चिका में स्पेसएक्स स्पेसपोर्ट से सुबह 8:00 बजे सेंट्रल टाइम (1300 जीएमटी) पर लांच करने के लिए निर्धारित किया गया है। यदि सोमवार के लॉन्च में देरी होती है तो सप्ताह के अंत में रिजर्व समय भी निर्धारित किया गया है। स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने कहा कि यह एक अलग संभावना है।

मस्क ने रविवार को ट्विटर स्पेस पर एक लाइव कार्यक्रम में कहा, ‘यह एक बहुत ही जोखिम भरी उड़ान है। यह एक बहुत ही जटिल, विशाल रॉकेट का पहला प्रक्षेपण है।’ उन्होंने आगे यह भी कहा कि यह रॉकेट कई तरीकों से असफल हो सकता है। हम काफी सतर्क हैं और अगर कुछ भी चिंताजनक देखा जाता है, तो मिशन स्थगित कर दिया जाएगा।

लांच के बाद क्या होगा?
यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो सुपर हेवी बूस्टर लॉन्च के लगभग तीन मिनट बाद स्टारशिप से अलग हो जाएगा और मैक्सिको की खाड़ी में गिर जाएगा। वहीं छह इंजनों वाला स्टारशिप लगभग 150 मील की ऊंचाई तक उड़ेगा। यह प्रक्षेपण के लगभग 90 मिनट बाद पृथ्वी के निकट परिक्रमा को पूरा करेगा। मस्क ने कहा, ‘अगर यह कक्षा में पहुंच जाता है, तो यह एक बड़ी सफलता होगी।’

स्टारशिप के लांच से फायदा क्या होगा? 
इसका इस्तेमाल मंगल ग्रह और वापस आने के लिए लंबी दूरी की यात्राओं के लिए किया जाएगा जिसमें नौ महीने तक का समय लग सकता है। मस्क पेलोड क्षेत्र में लगभग 40 केबिन स्थापित करना चाह रहे हैं। मस्क ने कहा, ‘यदि आप वास्तव में लोगों की भीड़ को भेजना चाहते हैं, तो आप प्रति केबिन पांच या छह लोगों की कल्पना कर सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि ज्यादातर हम प्रति केबिन में दो या तीन लोगों को देखने की उम्मीद करेंगे, और मंगल ग्रह पर प्रति उड़ान लगभग 100 लोग भेजे जा सकेंगे।’

पेलोड सेक्शन में कॉमन एरिया, स्टोरेज स्पेस और एक शेल्टर भी होगा जहां लोग हानिकारक सौर तूफानों से बचने के लिए इकट्ठा हो सकते हैं। नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम में स्टारशिप भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसका उद्देश्य चंद्रमा पर लंबे समय के लिए मनुष्यों को भेजना है। 

अप्रैल 2021 में, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने स्पेसएक्स को इस दशक में चंद्र सतह पर अंतरिक्ष यात्रियों को पहुंचाने में सक्षम लैंडर में स्टारशिप को विकसित करने के लिए एक करार किया था।