छत्तीसगढ़

डॉन ब्रदर्स के हत्याकांड में नया मोड़, लॉरेंस बिश्नोई ने अतीक और अशरफ की हत्या में अपना हाथ होने से किया इंकार

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या में अपना हाथ होने से जेल में बंद गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई ने इंकार किया है। यह बात बिश्नोई ने पूछताछ के दौरान बोली। गिरफ्तार तीन अपराधियों में से एक आरोपित ने बिश्नोई को अपना रोल माडल बताया था।

बताते चलें, एजेंसी ने हत्याकांड के तीनों आरोपितों के पास से बरामद हथियारों के बारे में बिश्नोई से पूछताछ की थी। डॉन ब्रदर्स को मारने के लिए तुर्किए में बनी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। यह वही पिस्टल है जिससे पंजाबी गायक सिद्धू सिंह मूसेवाला की हत्या की गई थी। पूछताछ में सामने आया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी का भी बिश्नोई से संबंध है।

एनआइए ने दर्ज की तीन एफआइआर

एनआइए ने पिछले साल तीन अलग-अलग एफआइआर दर्ज की थी। जिसमें एफआइआर नंबर 37 में विदेश में बसे खालिस्तानी समर्थकों का उल्लेख है, जो देश में अशांति फैलाने के लिए भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। जबकि एफआइआर नंबर 38 में बंबईया गैंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मुकदमें में नीरज बवाना, कौशल और अन्य को आरोपित बनाया गया था। एफआइआर नंबर 39 में बिश्नोई, काला जाथेडी, काला राणा और इनके साथियों के नाम थे।

लॉरेंस बिश्नोई को पिछले सप्ताह एफआइआर नंबर 37 के सिलसिले में एक एनआइए अदालत में पेश किया गया था। जिसमें एनआइए ने दीपक नाम के एक आरोपित को गिरफ्तार किया है जो बिश्नोई के संपर्क में था। इन सभी आरोपियों का पूरा नेटवर्क है, जो मिलकर एक साथ काम करता है।

गैंगस्टरों ने अपराध का साम्राज्य बनाने के लिए बनाए 2 गठबंधन

एनआइए ने हत्याकांड के आरोपितों से बरामद हथियारों के बारे में गैंगस्टर से की पूछताछ। पंजाबी गायक सिद्धू सिंह मूसेवाला की हत्या में भी जिगाना पिस्टल का हुआ था इस्तेमाल। एनआइए के अनुसार, गैंगस्टरों ने पूरे देश में नेटवर्क बनाकर अपने अपराध का साम्राज्य चलाने के लिए दो गठबंधन बनाए हैं। इसके ग्रुप ए में नीरज बवाना है। नीरज के गठबंधन में सौरभ उर्फ गौरव, सुवेघ सिंह उर्फ सिब्बू, , इरफान उर्फ छूने, रवि गंगवाल और रोहित चौधरी तथा दविंदर बम्बिहा गैंग शामिल हैं।

ग्रुप बी यानी लॉरेंस बिश्नोई के साथ संदीप उर्फ काला जातेडी, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, रोहित मोई, दीपक बाक्सरर, प्रिंस तेवतिया, राजेश बवानिया और अशोक प्रधान शामिल हैं। ये गैंगस्टर दिल्ली, हरियाणा पंजाब और राजस्थान में काफी सक्रिय हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस से डरते हैं और उत्तर प्रदेश में किसी भी प्रकार का अपराध नहीं करना चाहते।